अब वो दिन दूर नहीं जब देश के अस्पतालों में रोबोट फिजियोथैरेपी करेंगे। इसके लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने कवायद शुरू कर दी है। दिल्ली एम्स के फिजियोथैरेपी विभाग में जल्द ही इस सेवा की शुरुआत की जाएगी। ऐसी सुविधा अभी देश के किसी भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है।
इस सेवा के शुरू हो जाने से ट्रॉमा, स्पाइनल कॉर्ड इंज्यूरी, स्ट्रोक के झटके और हड्डी और मांसपेशी से संबंधित समस्या से पीड़ित लोगों को काफी लाभ मिलेगा। फिजियोथैरेपी कराने से मरीजों में मानसिक और शारीरिक स्फूर्ति आती है। 7वें अंतरराष्ट्रीय भौतिक चिकित्सा सम्मेलन एम्स-2018 के समापन के मौके पर रविवार को यह घोषणा की गई।
रोबोट के द्वारा फिजियोथैरेपी कराने के संबंध में दिल्ली एम्स का फिजियोथैरेपी विभाग एक प्रपोजल तैयार कर रहा है। इस प्रपोजल के तैयार होते ही इसे अप्रूवल के लिए प्रशासन के पास भेजा जाएगा। मेडिकल क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि रोबोट के द्वारा फिजियोथैरेपी करना दुनिया के विकसित देशों में काफी कॉमन है।
एम्स के स्नायु विज्ञान विभाग के वरिष्ठ भौतिक चिकित्सक डॉ. प्रभात रंजन ने कहा कि आईसीयू में रोबोट को शामिल करना खासकर हाथ और पैर के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए पांसा पलटने वाली स्थिति होगी।
जानें कैसे काम करेगा ये रोबोट
फिजियोथैरेपी करने वाला रोबोट एक खास सॉफ्टवेयर पर काम करेगा. इससे मरीज के उपचार में लगने वाले समय में भी बचत होगी और वो जल्दी ठीक हो सकेंगे। जिस सॉफ्टवेयर पर रोबोट काम करेगा उसे समय-समय पर अपग्रेड किया जाएगा। इसके जरिए टेनिस एल्बो, गर्दन-कंधे और पीठ में दर्द के अलावा मांसपेशियों में खिंचाव में भी बड़ी राहत मिलेगी। रोबोट के द्वारा फिजियोथैरेपी करने की जानकारी एम्स में हुए एक कॉन्फ्रेंस में दी गई।