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कोविड की तैयारियों की जांच के लिए 20,000 अस्पतालों में ‘मॉक ड्रिल’ की गई

देश में 11,000 से अधिक ऑक्सीजन संयंत्र काम कर रहे हैं और 20 हजार से अधिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लगभग 2.8 लाख...
कोविड की तैयारियों की जांच के लिए 20,000 अस्पतालों में ‘मॉक ड्रिल’ की गई

देश में 11,000 से अधिक ऑक्सीजन संयंत्र काम कर रहे हैं और 20 हजार से अधिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लगभग 2.8 लाख बिस्तर (आइसोलेशन बेड) उपलब्ध हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने की किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मंगलवार को देश के कई अस्पतालों में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी थी।

केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चीन और अन्य देशों में कोविड मामलों में वृद्धि के बाद एहतियाती उपायों के तहत ‘मॉक ड्रिल’ करने के लिए कहा था। अधिकारियों के अनुसार, 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 15,424 सरकारी सहित 20,021 केंद्र इस कवायद में शामिल हुए।

इन स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 3,37,710 ‘आइसोलेशन बेड’ में से 2,79,202 काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुल 2,82,229 ऑक्सीजन-कोविड बिस्तरों में से 2,45,894 संचालित हैं।

इसके अलावा, 70,073 आईसीयू बिस्तरों और 57,286 आईसीयू-सह-वेंटिलेटर बिस्तरों में से क्रमशः 64,711 और 49,236 उपलब्ध हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ‘मॉक ड्रिल’ के दौरान पाया गया कि 20,021 केंद्रों में 70,996 वेंटिलेटर में से 88 प्रतिशत काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 12,656 ‘प्रेशर स्विंग एडजॉर्शन’ (पीएसए) संयंत्रों में से 93 प्रतिशत और 6,63,547 ऑक्सीजन सिलेंडरों में से 94 प्रतिशत काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों में 713,785 रेमडेसिविर, 76,581 टोसिलिजुमैब, 8,41,85,669 डॉक्सीसाइक्लिन, 8,42,90, 682 एजिथ्रोमाइसिन और 2,46 27,157 डेक्सामेथासोन का भंडार है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि 10,515 केंद्रों में टेली-मेडिसिन सेवाएं हैं जबकि 9,144 एम्बुलेंस सेल केंद्र हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा था कि यह जानने के लिए कवायद जरूरी है कि कोविड से निपटने के लिए अस्पताल कितने तैयार हैं।

मांडविया ने कहा था, ‘‘पूरी दुनिया में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं और भारत में भी संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि उपकरणों, प्रक्रियाओं और मानव संसाधनों के रूप में कोविड संबंधी संपूर्ण ढांचा पूरी तरह तैयार रहे।’’

उन्होंने कहा था कि अस्पतालों में क्लिनिकल तैयारी जरूरी है। उन्होंने किसी भी ढिलाई के खिलाफ आगाह किया था। साथ ही, सभी लोगों से कोविड के प्रसार की रोकथाम के अनुकूल व्यवहार करने, असत्यापित जानकारी साझा करने से बचने और उच्च स्तर की तैयारियां रखने को कहा था।

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