अक्सर सलाह दी जाती है कि महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन नहीं करना चाहिए, लेकिन अब एक शोध में इन गोलियों के फायदे सामने आए हैं। गर्भनिरोधक गोलियां लेने से महिलाओं में घुटने की गंभीर चोटों का खतरा कम हो सकता है।
द फिजिशियन एंड स्पोर्ट्समेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में 15 से 49 वर्ष की आयु की 1,65,000 महिला मरीजों ने भाग लिया। ब्राउन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अमेरिका के राष्ट्रीय डेटाबेस से एक दशक की दवाओं और बीमा सूचनाओं का अध्ययन किया, जिसमें उन्होंने पाया कि गर्भनिरोधक गोलियां 15 से 19 आयु वर्ग की युवतियों के लिए ज्यादा सुरक्षित होती हैं। उनमें घुटने की चोट क्रुसिएट लिगामेंट (एसीएल) के बाद सर्जरी होने की जरुरत 63 प्रतिशत कम होती है।
एथलीटों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है ये अध्ययन
यह अध्ययन एथलीटों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। तकरीबन दो में से एक एथलीट को एसीएल चोट का सामना करना पड़ता है जिसके कारण वे एथलेटिक स्पर्धा में वापसी नहीं कर पाते और उनमें से 20-50 फीसदी लोगों को चोट लगने के 10-20 साल के अंदर गठिया का रोग हो जाता है। एसीएल चोट की समस्या युवा एथलीटों को ज्यादा होती है और ये पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को दो से आठ गुना ज्यादा लगती हैं।
गर्भनिरोधक गोलियां एस्ट्रोजन का स्तर कम रखती हैं
प्रमुख शोधकर्ताओं एवं अमेरिका के गेलवेस्टन में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास की मेडिकल शाखा के एरॉन ग्रे ने का कि गर्भनिरोधक गोलियां एस्ट्रोजन का स्तर कम रखती हैं, जिससे समय समय पर होने वाली एसीएल कमजोरी से बचाव होता है।
क्या है एसीएल
एसीएल एक जोड़ है, जो घुटने के ऊपरी और निचले हिस्से को जोड़ता है। इस जोड़ में चोट लगने से किसी एथलीट का करियर तबाह हो सकता है। साथ ही इससे जीवनभर के लिए घुटने में परेशानी आ सकती है और इलाज के लिए जटिल सर्जरी करानी पड़ सकती है।