विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को प्रकाशित एक नये अध्ययन में चेतावनी दी है कि अपर्याप्त शारीरिक गतिविधियों के कारण दुनिया भर में 1.4 अरब से ज्यादा वयस्कों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और इससे उनमें घातक बीमारियों का खतरा ज्यादा है।
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर 2001 से शारीरिक गतिविधियों के स्तर पर कोई सुधार नहीं हुआ है और दुनिया भर में तीन में से एक महिला और चार में से एक पुरूष तंदुरुस्त रहने के लिए शारीरिक रूप से काफी सक्रिय नहीं रहते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है असर
लांसेट ग्लोबल हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में शारीरिक रूप से सक्रिय होने से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह के खतरे कम होने समेत होने वाले लाभों को बताया गया है, जिसमें कहा गया है कि सक्रिय रहने से स्तन और पेट के कैंसर के खतरे कम होते हैं। इसके अलावा शारीरिक सक्रियता मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है जिससे डिमेंशिया को रोका जा सकता है और लोगों को वजन ठीक रखने में मदद मिलती है।
तय स्तर तक नहीं रहते सक्रिय
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के इस अध्ययन में मुख्य शोधकर्ता रेजिना गुथोल्ड ने कहा, ‘अन्य प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य जोखिमों के विपरीत दुनिया भर में अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि का स्तर औसत स्तर पर नहीं गिर रहा है और सभी वयस्कों में से एक चौथाई लोग अधिक अच्छे स्वास्थ्य के लिए शारीरिक गतिविधि के तय स्तर तक नहीं पहुंच रहे हैं।’ अध्ययन से विभिन्न देशों में अपर्याप्त शारीरिक गतिविधियों के स्तर का ब्यौरा और दुनिया भर में और क्षेत्रीय रुझानों के अनुमान का पता चलता है।