अमेरिका में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि यह देश इस महामारी का अगला बड़ा केंद्र बन सकता है। दुनिया के सभी देश कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं। इस वजह से टोक्यो ओलंपिक अगले साल के लिए स्थगित कर दिया गया है। दुनिया में अब तक तीन लाख 95 हजार लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 17235 की जान जा चुकी है।
24 घंटों में 40 फ़ीसदी नए मामले सिर्फ अमेरिका में सामने आए
जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने बताया कि अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। पिछले 24 घंटों में पूरी दुनिया में जो नए मामले सामने आए हैं उनमें 85 फ़ीसदी यूरोप और अमेरिका में हैं। इनमें 40 फ़ीसदी पीड़ित अमेरिका में हैं। वहां अभी 45 हजार से ज्यादा लोग वायरस से संक्रमित हैं और 582 लोगों की जान जा चुकी है। मंगलवार को वहां करीब ढाई हजार लोगों के संक्रमित होने और 30 लोगों की मौत की खबर है।
चीन में मंगलवार को 78 नए मामले सामने आए, 7 की मौत
इस बीच चीन ने कहा है कि वह हुबेई प्रांत में यात्रा पर लगे प्रतिबंध खत्म कर रहा है। पिछले साल दिसंबर में हुबई के वुहान शहर में ही पहली बार कोरोना वायरस का पता चला था। मंगलवार को चीन में 78 नए मामले सामने आए और 7 लोगों की मौत हुई। वहां अब तक 3277 जाने जा चुकी हैं।
अब तक इटली में 6077, स्पेन में 2700 लोगों की मौत
यूरोप में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें इटली में हुई हैं। मंगलवार दोपहर तक वहां 6077 लोग कोरोना वायरस के कारण मारे जा चुके हैं। इस वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या 64000 से ज्यादा है। हालांकि वहां आंकड़े जुटाने वाली एजेंसी का कहना है कि इटली में संक्रमित लोगों की संख्या सरकार के दावे से 10 गुना ज्यादा है। सिविल प्रोटेक्शन एजेंसी के अनुसार बीमारी की जांच सिर्फ उन लोगों में हो रही है जो अस्पताल आ रहे हैं। यानी हजारों लोग ऐसे हैं जो इस वायरस से संक्रमित तो हुए हैं लेकिन अभी तक उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। स्पेन में मंगलवार को करीब 6500 नए संक्रमित लोगों का पता चला। वहां इनकी संख्या बढ़कर 39673 हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में वहां 500 से ज्यादा लोगों की जान गई है। इस वायरस के कारण वहां अब तक 2696 लोग जान गंवा चुके हैं। स्पेन के कोरोनावायरस पीड़ितों में 14 फ़ीसदी स्वास्थ्य कर्मी हैं।