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रेस्तरां में भी शुद्ध शाकाहारी भोजन

अब बाहर होटलों और रेस्तरां में भी शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलने लगा है। पहले तेल मसालों की अधिकता, शुद्धता और शाकाहारी भोजन में बहुत अधिक विकल्प न होने से बाहर खाने के कई शौकीन मन मसोस कर रह जाते थे। पर अब ऐसा नहीं है। शाकाहार के बढ़ते चलन ने फिजा बदल दी है।
रेस्तरां में भी शुद्ध शाकाहारी भोजन

यह अजब बात है कि जब हम होटल में खाते हैं तो कहते हैं, ‘बिलकुल घर जैसा खाना है’ और जब हम घर में मसालेदार या कुछ अलग सा जायकेदार खाते हैं तो कहते हैं, ‘एकदम होटल जैसा बना है।’ यह होटल और घर के खाने के भेद में कुछ उन्नीस-बीस का फर्क हो तो हो। मगर एक बात स्पष्ट रूप से देखने में आ रही है कि अब भारत में शाकाहारी खाने का चलन बढ़ता जा रहा है।

पूरे भारत में रेस्तरां शाकाहारी भोजन को तवज्जो देने लगे हैं और इस बात का सबसे बड़ा सुबूत है कि नामी शेफ संजीव कपूर के एक कुकरी शो में प्रतिभागियों के सिर्फ शाकाहारी खाना बना कर ही खिलाना होगा। शाकाहारी भोजन की लोकप्रियता बढ़ाने में कुछ सेलेब्रिटी भी योगदान देते रहते हैं। हॉलीवुड में एंजोलिना जॉली और बॉलीवुड में अमिताब बच्चन इसके खास उदाहरण हैं।

इस चलन को देखते हुए दिल्ली में भी शाकाहारी लोगों को अब रेस्तरां में खाने से पहले भोजन की शुद्धता और एकरसता को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। दिल्ली में ऐसे रेस्तरां की संख्या बढ़ रही है जो अपने ग्राहकों की पसंद का खास खयाल रखते हैं और उनकी पसंद का शुद्ध शाकाहारी भोजन मुहैया कराते हैं।

शाकाहारियों की जरूरत को समझते हुए और शाकाहार के बढ़ते बाजार को देखते हुए कई रेस्तरां अपने यहां न सिर्फ शुद्ध शाकाहारी भोजन मुहैया करा रहे हैं, बल्कि उनमें नयापन भी ला रहे हैं।

दिल्ली में खुले नए रेस्तरां कठपुतली में बिना प्याज या लहसुन का इस्तेमाल सब्जी उपलब्ध है। पहले ऐसा सोचना कठिन था और यदि आपको ऐसी सब्जी की दरकार रहती थी तो यह सर्फि कुछ रेस्तरां में उपलब्ध था जिसके लिए ‘जैन थाली’ शब्द प्रचलित था। कठपुतली की खासियत यह भी है कि यह हर सप्ताह किसी अलग विशेष क्षेत्रा की थाली परोसता है।

रेस्तरां के मालिक विपुल गुप्ता ने बताया, ‘पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के कारण शाकाहार भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है। भारतीय समाज में कई लोग जैसे गुजराती, जैन, मारवाड़ी, बनिया इत्यादि शाकाहारी हैं और वे बाहर खाना न के बाराबर खा पाते हैं। हमने इस अंतर को भरने की कोशिश की है।’

दिल्ली फूडीज जोन नाम से लिखने वाली रीता कहती हैं, ‘रेस्तरां मालिक अब यह समझ रहे हैं कि बाजार में शाकाहारी उपभोक्ता बड़ी संख्या में हैं जो घर से बाहर रेस्तरां में खाना चाहते हैं।’ दक्षिण दिल्ली में भी सात्विक नाम से ऐसा रेस्तरां खूब लोकप्रिय है। यह रेस्तरां पिछले सात सालों से शुद्ध शाकाहारी भोजन मुहैया करा रहा है। सात्विक के मालिक राजीव मनचंदा ने कहते हैं, ‘शाकाहारी होना अब स्टाइल स्टेटमेंट बन गया है।’

दिल्ली के बीचों-बीच स्थित शिव सागर भी ऐसा ही रेस्तरां है जहां लोग मुंबई के स्ट्रीट फूड का मजा ले सकते हैं। शुद्ध शाकाहारी भोजन मुहैया कराने वाले रेस्तरां की संख्या बढ़ने से अब उन लोगों के पास भी घर से बाहर भोजन करने का विकल्प मौजूद हो गया है जो पहले अपने शाकाहारी भोजन की शुद्धता संबंधी चिंताओं के कारण बाहर खाना नहीं खाते थे। इसके अलावा स्वास्थ्य कारण तो है ही बोनस में। 

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