दोनों नेताओं के बीच मुलाकात का कार्यक्रम नहीं था और पेरिस में एक ही जगह पर आमना-सामना होने के बाद प्रोटोकॉल के नियमों की परवाह किए बिना दोनों नेताओं ने संक्षिप्त बातचीत की। शरीफ ने बाद में मीडिया को बताया कि यह बातचीत अच्छी रही। डॉन की खबर के अनुसार, शरीफ को अकेला पाकर मोदी खुद पहल करते हुए उनके पास गए और दोनों ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया तथा बैठकर थोड़ी देर तक आपस में गुफ्तगू की।
बैठक में मौजूद एक पाकिस्तानी अधिकारी का हवाला देते हुए अखबार ने कहा, ऐसा प्रतीत हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी बातचीत के लिए अधिक उत्सुक थे और वहां वही एकमात्र ऐसे थे जिन्होंने हमारे प्रधानमंत्री से संपर्क किया। अखबार ने भारत-पाक वार्ता में हालिया गतिरोध का हवाला देते हुए कहा कि संभवत: इससे दोनों देशों के बीच वार्ता पटरी पर आ सकेगी। द नेशन ने अपने मुख पृष्ठ का शीर्षक ‘पाक-इंडिया क्लाइमेट चेंज इन पेरिस?’ देते हुए लिखा : सोमवार को जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्री मिले और हाथ मिलाया, इससे दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच रिश्तों में आया ठहराव खत्म होने की उम्मीद है।
अखबार ने लिखा कि बातचीत की विस्तृत जानकारी के अभाव और जल्द किसी बैठक की संभावना नजर नहीं आने के कारण इस बैठक का वास्तविक प्रभाव जानना मुश्किल है। बहरहाल, लंबे समय बाद दोनों नेताओं को मिलते देखना अच्छा लगा। द न्यूज इंटरनेशनल ने लिखा कि दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया क्योंकि नरेंद्र मोदी ने सहजता से नवाज शरीफ से संपर्क किया और उनके साथ संक्षिप्त बातचीत की।
इसके अनुसार, दोनों नेता एक दोस्ताना माहौल में दिखे और एक ही सोफे पर बैठकर हुई उनकी बातचीत में बहुत गर्मजोशी नजर आई। द एक्सप्रेस टिब्यून ने भी मुख पृष्ठ पर ‘आइस मेल्ट्स ऐज नवाज मोदी शेक हैंड्स’ शीर्षक के साथ लिखा कि जब दुनिया के नेता जलवायु परिवर्तन पर एक समझौते पर पहुंचने के लिए मशक्कत कर रहे थे उस वक्त दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात भारत-पाकिस्तान के संबंधों में जमी बर्फ को पिघला रही थी।
टीवी समाचार चैनलों ने भी इस बैठक पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और हर घंटे के समाचार में इसे प्रमुखता से दिखाया। उर्दू समाचार पत्रों ने भी उत्साहजनक टिप्पणियों के साथ मुखपृष्ठ पर इस खबर को जगह दी। जुलाई में रूस के शहर उफा में बैठक के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक थी। उफा बैठक के दौरान दोनों नेता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच बैठक पर सहमत हुए थे, हालांकि आरोप प्रत्यारोप के खेल के कारण दोनों देशों के बीच एनएसए-स्तर की बैठक नहीं हो पाई।