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अंबेडकर को एक पोस्टर में कूड़ा उठाते हुए दिखाने पर बवाल, पोस्टर हटाया गया

असल में यह पोस्टर एक सीरीज का हिस्सा है, जिसमें किसी असली या काल्पनिक प्रभावशाली व्यक्ति की तस्वीर लगाकर लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जाता है। इस सीरीज में महात्मा गांधी और बाहुबली को भी दिखाया जा चुका है।
अंबेडकर को एक पोस्टर में कूड़ा उठाते हुए दिखाने पर बवाल, पोस्टर हटाया गया

देश में स्वच्छ भारत का प्रचार काफी होता है। सरकार की तरफ से भी और दूसरे समूहों द्वारा भी। इसी के चलते लोगों को जागरूक करने के लिए दिल्ली रेलवे स्टेशन में एक पोस्टर लगाया गया, जिसे बाद में विवाद के चलते हटाना पड़ा।

एक बेहद चर्चित फोटो हम लोग देखते हैं, जो अक्सर डार्विन के सिद्दांत के साथ दिखती है। इसमें इंसान के विकास का क्रम दिखाया जाता है। इसी पर आधारित इस पोस्टर में सबसे विकसित आदमी के रूप में भीमराव अंबेडकर को दिखाया गया है। वे इस पोस्टर में कूड़ा उठाते दिख रहे हैं। पोस्टर अंत्योदय ग्रुप की तरफ से लगाया गया था। इसे एक समुदाय के अपमान से जोड़कर देखा गया। पोस्टर यह रहा- 

इस पर ट्विटर पर तहसीन पूनावाला ने आपत्ति जताई। तहसीन पूनावाला का परिचय यह है कि वे राबर्ट वाड्रा के बहनोई हैं। उन्होंने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को टैग करते हुए कहा कि इसमें बाबा साहब को क्यों दिखाया गया है, नरेंद्र मोदी को क्यों नहीं? इस मनुवादी अपमान भरे पोस्टर को हटाया जाए वरना हम हटा देंगे। पूनावाला ने यह भी कहा कि वॉलंटियर रेलवे स्टेशन पर मौजूद हैें और वे स्टेशन मास्टर से मिलेंगे।


इससे पहले इसे बहुजन समाज पार्टी के मीडिया प्रतिनिधि देवाशीष जरारिया ने व्हाट्स एप पर प्रसारित किया था।


बाद में ये पोस्टर भी बसपा के ट्विटर अकांउट से भी ट्वीट किया गया।

बाद में कुछ दूसरे लोग भी इस पोस्टर के विरोध में उतर आए। 

इसका एक पक्ष यह भी है कि यह पोस्टर एक सीरीज का हिस्सा है, जिसमें किसी असली या काल्पनिक प्रभावशाली व्यक्ति की तस्वीर लगा कर लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जाता है। इस सीरीज में महात्मा गांधी और बाहुबली को भी दिखाया जा चुका है। 

विवाद बढ़ता देख, बाद में अंत्योदय ग्रुप की तरफ से पोस्टर हटा लेने की बात कही गई।

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