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म्‍यांमार हमले की फर्जी तस्‍वीर मीडिया में वायरल !

सोशल मीडिया ही नहीं मुख्‍यधारा के मीडिया में भी कई पुरानी तस्‍वीरों को म्‍यांमार सीमा पर हुई सैन्‍य कार्रवाई की तस्‍वीरों के तौर प्रचारित किया जा रहा था। लेकिन इन कोशिशों की पोल जल्‍द ही खुल गई।
म्‍यांमार हमले की फर्जी तस्‍वीर मीडिया में वायरल !

नई दिल्‍ली। भारतीय सेना द्वारा म्‍यांमार सीमा पर उग्रवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से जुड़ी तस्‍वीरों पर विवाद बढ़ता जा रहा है। पिछले दो दिन से मीडिया में कुछ तस्‍वीरें फैलाई जा रही हैं, जिसके बारे में दावा है कि ये म्‍यांमार ऑपरेशन में शामिल सैनिकों की तस्‍वीर हैं। इस तरह की एक फोटो में करीब दो दर्जन सैनिक एक हेलीकॉप्‍टर के आगे विजयी मुद्रा में दिखाई दे रहे हैं। मीडिया में प्रचारित किया जा रहा है कि इन्‍हीें सैनिकों ने म्‍यांमार में घुसकर उग्रवादियों का सफाया किया। एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार ने इस तस्‍वीर को रक्षा मंत्रालय के हवाले से छापा जबकि समाचार एजेंसी ने भी इस तरह की तस्‍वीरें म्‍यांमार ऑपरेशन से जुड़ी तस्‍वीरें बताकर जारी की। लेकिन रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता सितांशु कार ने ट्वीट कर कहा है कि रक्षा मंत्रालय की ओर भारत-म्‍यांमार सीमा पर हुई कार्रवाई से जुड़ी कोई फोटो जारी नहीं की गई है। इस बीच सोशल मीडिया पर इन तस्‍वीरों की असलियत पर सवाल उठने लगे हैं।

 


 

शुरू में कुछ ऑपरेशन में शामिल सैनिकों की पहचान गुप्‍त रखने के लिए इनके चेहरे छिपाए गए लेकिन बाद में कई टीवी चैनल, अखबारों और न्‍यूज पोर्टल ने चेहरे छिपाए बगैर ही फोटो दिखानी शुरू कर दी। लेकिन गुरुवार सुबह करीब 8 बजे रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता का स्‍पष्‍टीकरण आने के बाद इस मामले में यू-टर्न आ गया। फेसबुक और ट्विटर पर ट्रूथ ऑफ गुजरात नाम के एक पेज पर दावा है कि वर्ष 2009 में defenceforumindia.com वेबसाइट पर डाली गई तस्‍वीरों को म्‍यांमार ऑपरेशन की तस्‍वीरें बताया जा रहा है।  

 

 

 

इस विवाद के बाद अभी तक यह स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया कि म्‍यांमार ऑपरेशन केये कथित फोटो मीडिया तक आखिर किसने पहुंचाए? रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने भी इन तस्‍वीरों के बारे में पूरी स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं की है। माना जा रहा है कि ये तस्‍वीरें सबसे पहले वाट्स-एप पर फैलनी शुरू हुईं। जिसके बाद सोशल मीडिया और फिर मुख्‍यधारा के मीडिया ने इन्‍हें पुष्टि किए बगैर छापना शुरू कर दिया। 

गौरतलब है कि इससे पहले म्‍यांमार की सीमा में घुसकर उग्रवादियों को मारने के दावों पर सवाल खड़ा हुआ था। म्‍यांमार राष्‍ट्रपति कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा था कि यह कार्रवाई म्‍यांमार की जमीन पर नहीं हुई।हालांकि, सेना की ओर से जारी विज्ञप्ति में भी म्‍यांमार के भीतर घुसने की बात नहीं कही गई है, लेकिन मीडिया में इस बात का खूब प्रचार किया गया। 

 

 

 

 

 

 

 

 

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