आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता यह प्रदर्शन केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और महाराष्ट्र में भाजपा मंत्री पंकजा मुंडे के इस्तीफे को लेकर कर रहे हैं।
टि्वटर पर
कपिल- प्रधानमंत्री जागो और #DaagiMantriModiKe ट्रेंड देखो।
आम आदमी पार्टी-@AamAadmiParty- भ्रष्टाचार मुक्त भारत हमारी मांग नहीं हमारी जिद्द है। जय हिंद।
निखिल खले -@NIKHILKHALE-#DaagiMantriModiKe- हास्यस्पद लगता है जब लोग कहते हैं कि नमो बहुत अच्छे वक्ता हैं।
शिवानी सक्सेना@shivanisxn- अब तो मातृ राष्ट्रवादी संगठन को भी शर्म आने लगी है। अब तो मौन तोड़ो ‘’56’’ देव।
ईमानदार IAS SS Yadav@die_hard_msdian- फर्जी डिग्री वाली शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी इस्तीफा दो।
जितेंद्र पाल खन्ना-@KhannaPal-भगौड़े की मदद करना देश द्रोह है वसुंधरा राजे इस्तीफा दो।
आप यूथ विंग दिल्ली@AAPYouthWing- मोदी जी चुप्पी तोड़ो इस मामले में कुछ तो बोलो।
विनीत शर्मा-@vinit1216- शिक्षा से मत खिलवाड़ करो, स्मृति ईरानी को बाहर करो।
निशांत शर्मा@nish9x – राजे, सुषमा, स्मृति ईरानी और पंकजा को निजी तौर पर बचाकर मोदी बेटी बचाओ आंदोलन का उदाहरण पेश कर रहे हैं।
उमाकांत राजपूत@umakant20- देवियां चार, मोदी लाचार, खुल्ला करो भ्रष्टाचार।
टीनू चरियन अब्राहम@tinucherian- आप सो रहे आदमी को तो नींद से जगा सकते हैं लेकिन उस आदमी को नहीं जगा सकते जो सोने का नाटक कर रहा हो।
सावन शर्मा@Sawan8882-#DaagiMantriModiKe#गवाह टपकाओ अभियान बन गया है। #VyapamScam अब तक 42 मौतें।#ShavrajKaVyapam अब सिर्फ #CBI जांच से रुकेगा।
नवनीत घुनावट@4navneet #Monendra जी प्लीज इतना तो बोल दो कि दाग अच्छे हैं।
बेताअल्लुक@betaalluq मानवीय आधार पर होगा भ्रष्टाचार अबकी बार दागियों की भरमार
फेसबुक पर
समर अनार्य- फेकिंग: सर्फ एक्सेल बनाएगा मोदी को नया ब्रांड एम्बेसडर, फिर से शुरू करेगा 'दाग अच्छे हैं कैम्पेन'
आरती कुमारी –कोई दाग-वाग नहीं है। बेटी बचाओ, बेटी बचाओ, बेटियां अच्छी हैं।
दिव्या शिखा-"अच्छे दिन" की बातें हवा-हवाई थी ये तो लोग समझ ही चुके हैं। जैसे प्रचार-प्रचार की आभासी दुनिया बनायी गई वोट बटोरने के लिए। अब सबको उसी आभासी दुनिया में खो कर समस्याएं सुलझाए जाने की अपील है माननीय की फोटो लगाओ बेटी की और रोटी की भी युद्ध की शांति की बराबरी की खुशहाली की और "धुंधली" सी एक तस्वीर 'विकास' की भी क्या कुछ और बच गया कहने को या की पाने को ?