अमेरिकी फर्म ने अपने एक ब्लॉग के जरिये कहा, आतंकवादी खतरे की प्रकृति बदल गई है और इसीलिए इस क्षेत्र में हमारे जारी काम में भी बदलाव आया है। हम आतंकवादी कृत्यों को प्रोत्साहित करने या लोगों को डराने वाले।,25,000 से अधिक खातों को वर्ष 2015 के मध्य से अब तक बंद कर चुके हैं जो मुख्य रूप से आईएसआईएस से जुड़े हैं। लेकिन माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर भारत में सक्रिय आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों के अकाउंटों को नहीं छेड़ा गया है। साथ ही ट्विटर ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान से काम कर रहे आतंकवादी संगठनों के अकाउंटों से जुड़े प्रश्नों पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज मोहम्मद सईद ने तीन फरवरी को अपने ताजा ट्वीट में भारत के खिलाफ हमले करने का खुले तौर पर आह्वान किया था। ट्विटर ने आतंकवाद को बढावा देने के लिए उसके मंच का प्रयोग किए जाने की निंदा की और कहा कि ट्विटर के नियम यह स्पष्ट करते हैं कि ट्विटर पर इस प्रकार का व्यवहार करने या कोई हिंसक धमकी देने की अनुमति नहीं है। कंपनी ने कहा कि उसने और तेजी से प्रतिक्रिया करने के लिए अपनी रिपोर्ट समीक्षा दलों को बढा दी है। अतिवादी पोस्ट के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज करने के लिए ट्विटर ने पीपल अगेंस्ट वायलेंट एक्सट्रीमिज्म (पीएवीई) और द इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक डायलॉग जैसे प्रतिष्ठित संगठनों के साथ साझेदारी की है।
बता दें कि दुनियाभर में 50 करोड़ से अधिक लोग ट्विटर का उपयोग करते हैं। 2015 में आई एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार साल 2014 में इस्लामिक स्टेट ने महज तीन महीने के अंदर ही 40,000 से अधिक ट्विटर अकाउंट बना लिए थे। अमेरिकी सरकार और कुछ गैर सरकारी संस्थाओं व लोगों ने ट्विटर पर आईएस व अन्य आतंकवादी संगठनों से जुड़े अकाउंट बंद करने का दबाव बनाया था, जिसके बाद इन अकाउंटों को बंद किया गया।