सूखे से प्रभावित लातूर के एक गांव में दौरे पर गईं पंकजा ने लगभग सूख चुकी मांजरा नदी को पृष्ठभूमि में रखते हुए सेल्फी खींची। ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा के इस तरह सेल्फी लेने पर उनकी चारों ओर आलोचना हो रही है। शिवसेना ने पंकजा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस प्रकार के फोटो सत्रों से बचा जा सकता था जबकि विपक्षी कांगे्रस एवं राकांपा ने कहा कि उन्होंने इस शर्मनाक कृत्य के जरिये सूखा प्रभावित किसानों का मजाक उड़ाया है। हमलों से अविचलित पंकजा ने कहा कि नदी से गाद हटाए जाने के दौरान एक गड्ढे में पानी मिलने से उत्साहित होकर उन्होंने सेल्फी खींची थी। उन्होंने एक बयान में कहा, मैंने लातूर में सूखा स्थिति के बारे में कई समीक्षा बैठक ली। कई स्थानों पर गड्ढे खुदवाने का प्रयास किया ताकि उनसे पानी निकाला जा सके। किन्तु अधिकतर समय विफलता हाथ लगी। कल जब मैं मांजरा नदी की स्थिति का जायजा लेने के लिए लातूर गई तो मैंने कुछ पानी देखा और मेरे अंदर संतोष की भावना आ गई।
पंकजा ने कहा, यह मेरे लिए रेगिस्तान में नखलिस्तान पाने जैसा है। मेरे ऊपर गलत आरोप लगाकर यह लोग किसकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, सूखा प्रभावित ग्रामीणों की या किसानों की। यह तस्वीरें 45 डिग्री सेल्सियस में मेरे विभाग द्वारा किए गए कार्य के प्रति मेरी सराहना दिखाने के लिए क्लिक की गई। इसमें कोई उत्तेजना नहीं बल्कि संतोष का भाव है। उधर शिवसेना के प्रवक्ता मनीषा कायांडे ने कहा, महाराष्ट्र भीषण अकाल से गुजर रहा है। महिलएं दूर-दूर से पानी ला रही हैं और इस प्रकार की गंभीर स्थिति में एक महिला मंत्री खुशी-खुशी सेल्फी खींच रही हैं। मंत्री की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद ट्विटर पर भी उनकी खिंचाई हो रही है। पिछले हफ्ते राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से की सूखा प्रभावित लातूर जिले में हेलीकाप्टर से जाने के निर्णय की आलोचना हुई थी। इसके चलते एक विशेष हेलीपैड पर करीब 10 हजार लीटर पानी की बर्बादी हुई थी।