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आज ‘बाहुबली’ और ‘पांड्या’ से क्यों हो रही है ‘आडवाणी’ की तुलना?

एनडीए की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा के बाद ‘लालकृष्ण आडवाणी’ के नाम पर लगाए जा रहे कयासों पर पूर्णतः विराम लग गया है। लेकिन बिहार के वर्तमान राज्यपाल रामनाथ कोविंद के नाम का ऐलान होते ही लोग कोविंद के बजाय आडवाणी पर बोलते दिख रहे हैं।
आज ‘बाहुबली’ और ‘पांड्या’ से क्यों हो रही है ‘आडवाणी’ की तुलना?

आडवाणी को एनडीए की ओर से दावेदार नहीं बनाए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर लोग बंटे हुए दिख रहे हैं। कुछ लोग इस फैसले सही मान रहे हैं तो कुछ लोग इसे बेहद गलत तक करार दे रहे हैं। वहीं कुछ लोग सिर्फ तंज कसते दिख रहे हैं।

ट्विटर पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को टैग करते हुए राकेश आर त्रिपाठी नाम के यूजर ने लिखा है, “अफसोस की बात है आडवाणी जी के साथ अन्याय हुआ।”

मृणाल सिन्हा लिखते हैं, “जो कटप्पा ने बाहुबली के साथ किया, जडेजा ने पंड्या के साथ...बिलकुल वही मोदी जी ने अडवाणी जी के साथ कर दिया।”

ट्विटर यूजर मनीष ने लिखा है, “भाजपा के हार्दिक पंड्या बन गए हैं आडवाणी जी।”

दरअसल रविवार को भारत-पाक के बीच खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी में हार्दिक पांड्या बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे इस बीच रवींद्र जड़ेजा के द्वारा रन लेने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे। वे रन आउट हो गए थे। इसी संदर्भ में आडवाणी की तुलना की जा रही है।

वहीं ललित मोहन चुटकी लेते हुए लिखते हैं, “अगर आडवाणी जी विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हों तो मामला दिलचस्प हो सकता है।”

आबिद हुसैन ने ट्वीट किया, “पीएम इन वेटिंग=आडवाणी, राष्ट्रपति इन वेटिंग=आडवाणी, पीएम बन गये मोदी जी राष्ट्रपति बन गये रामनाथ कोविन्द जी, आडवाणी जी कहां जायें?”

सोशल मीडिया पर वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को लेकर और भी बहुत सारी प्रतिक्रियाएं देखी जा सकती है। बहरहाल माना जा रहा है कि राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद का नाम सामने लाकर एनडीए ने बड़ा दांव खेला है। 

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