बरखा ने अपने फेसबुक पेज मेंं लिखा है कि "टाइम्स नाउ मीडिया पर प्रतिबंध लगाने और पत्रकारों पर कार्रवाई करने और उन्हें सजा देने की मांग कर रहा है। क्या अर्नब गोस्वामी पत्रकार है? मुझे शर्म आती है कि मैं उसी पेशे में हूं जिसमें वो है।बरखा ने लिखा कि अर्नब का यह व्यवहार समझ से परे है। उसका यह कायराना दिखावा आश्चर्य से भर देने वाला है। बरखा ने यह टिप्पणी मंगलवार रात को प्रसारित किए गए कार्यक्रम के संदर्भ में की।
बरखा कहती हैं कि वो लगातार प्रो पाकिस्तान डव्स पर ड्रोन गिराता रहा लेकिन भाजपा और पीडीपी के बीच हुए समझौते के तहत पाकिस्तान और हुर्रियत से बात करने पर बनी आपसी सहमति पर उसने चुप्पी साध ली। उसने स्वयं मोदी के पाकिस्तान की तरफ हाथ बढ़ाने पर भी कुछ नहीं बोला। मैं इन दोनों गतिविधियों का विरोध नहीं करती हूं। लेकिन जब अर्नब ऐसे विचारों के आधार पर लोगों की देशभक्ति नाप रहे हैं तो वो सरकार के रुख पर क्यों चुप हैं? क्या यह चमचागिरी नहीं है?"
बरखा ने अर्नब पर इस बात को लेकर भी हमला किया कि वो ख़ुद पत्रकार होकर मीडिया के दमन का कथित तौर पर समर्थन कर रहे हैं। बरखा लिखती हैं, "कल्पना कीजिए, एक पत्रकार सरकार से मीडिया के एक तबके को बंद करने के लिए कह रहा है, उन्हें गलत तरीके से आईएसआई एजेंट और आतंकियों का समर्थक बता रहा है और उन पर कार्रवाई करने और सजा दिलाने की बात कर रहा है। और हमारी बिरादरी कायराना चुप्पी साधकर सत्ताधारियों का पक्ष ले रही है।"
बरखा ने टाइम्स नाउ में बार-बार अपना नाम लेने पर कहा है कि वो ऐसा करने से डरेंगी नहीं। उन्हाेंने कहा, "मिस्टर गोस्वामी मैं डर से पीली नहीं पड़ने वाली और आप अपने शो में प्रत्यक्ष या परोक्ष तरीके से चाहे जितनी बार मेरा नाम लें, मैं आपकी राय की जरा भी परवाह नहीं करती। मुझे उम्मीद है कि मैं हमेशा ऐसी पत्रकार बनी रहूंगी, जिसकी पत्रकारिता की आप खिल्ली उड़ाते हैं, क्योंकि इस मामले में हम दोनों की भावनाएं एक समान हैं। किसी मुद्दे पर हम दोनों एक ही पक्ष में खड़े नजर आए तो विश्वास मानिए मेरा दम ही निकल जाएगा।"