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मीनाक्षी लेखी खफा: फुटेज खा गईं स्मृति

तीन दिन से चल रही भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक के बारे में कल पूरा दिन टेलीविजन पर खबरें नदारद रहीं और शाम होते-होते स्मृति ईरानी सभी चैनलों पर छा गईं। भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी इस बात से खफा हैं कि पिछले दिनों राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर हुई स्मृति ईरानी उसकी महत्वपूर्ण बैठक का पूरा फुटेज (कार्यकारिणी की बैठक बेंगलूरु में चल रही है) ले गईं।
मीनाक्षी लेखी खफा: फुटेज खा गईं स्मृति

दरअसल, कार्यकारिणी में इस बार नजमा हेपतुल्ला के अलावा केवल स्मृति ईरानी को ही जगह नहीं मिली। इसकी कोई ठोस वजह सामने नहीं आई पर अंदरूनी हल्कों में चर्चा थी कि अमित शाह और संघ परिवार दोनों ही उनके बढ़ते दखल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी हो जाने की वजह से नाराज हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है यह अलग बात है, यह तो बाद में ही पता चलेगा। लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी का पूरा कुनबा कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु में डेरा डाले हुए थी तो इससे बाहर हो गईं स्मृति के पास छुट्टी बिताने का इससे अच्छा मौका और क्या होता। वह अपने पति और बच्चों के साथ गोवा पहुंच गईं और शायद कार्यकारिणी में रहते हुए भी उनकी खबर पूरा दिन मीडिया पर नहीं चल पाती जितनी उन्होंने एक तेज-तर्रार जासूसी नजर के बूते हासिल कर ली।

स्मृति गोवा के कैंडोलिम इलाके के फैब इंडिया स्टोर में गईं, जहां उन्होंने चेंजिंग रूम के बाहर छत पर लगा खुफिया कैमरा देखा और इसकी शिकायत कर दी। बस फिर क्या था, टीवी पर इसी से संबंधित खबरें चलती रहीं और बेंगलूरु में भाजपा कार्यकारिणी की खबर सिरे से नदारद रही।

इसी से खफा भाजपा की सांसद सांसद मीनाक्षी लेखी ने एक ट्वीट कर दिया जिसमें उन्होंने लिखा, ‘क्या मुझे बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दबाने को लेकर दाल में कुछ काला लग रहा है... बैठक को कवर नहीं करने के प्रयास किए जा रहे हैं और उसकी बजाय कुछ अन्य बेकार मुद्दों को कवर किया जा रहा है?’

इस ट्वीट के बाद जब उन पर स्मृति पर खबर दिखाए जाने को लेकर विवाद उठा तो कुछ ही देर बाद उन्होंने दोबारा ट्वीट किया जिसमें लिखा था, ‘मेरे पिछले ट्वीट पर प्रतिक्रिया के रूप में मैं यह सोच जाहिर करती हूं कि एक स्टोरी खबर के तौर पर प्रासंगिक है और दूसरी चर्चा के विषय के रूप में। मेरा सवाल स्मृति जी को लेकर नहीं, बल्कि मीडिया के जोर पर है।’
बहरहाल बात जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि स्मृति बेंगलूरु में न होने के बाद भी दिनभर टीवी पर रहीं और टीवी पर आने की आस वाले बेंगलूरु में कुढ़ते रहे। वैसे खबर यह है कि मोदी के सख्त आदेश के चलते बैठक स्थल पर मीडिया की आवाजाही पर रोक है। बैठक खत्म होने के बाद नेता बहुत गर्मजोशी से मिल भी नहीं रहे हैं सो वहां पहुंचे रिपोर्टरों के पास वैसे भी खबरों का टोटा है। तो ऐसे में उन्हीं की पार्टी की नेता यदि सुर्खियां दिला दे तो क्या बुरा है। 

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