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रजत शर्मा की क़ामयाबी का राज़

मीडिया, राजनीति और व्यापारियों के बीच का रिश्ता समझना हो तो इंडिया टीवी के मालिक और मुख्य संपादक रजत शर्मा इसके जीता जागता नमूना हैं।
रजत शर्मा की क़ामयाबी का राज़

रजत शर्मा के बारे इकोनोमिक टाइम्स ने एक विश्लेषणात्मक ख़बर छापी है। इसमें चर्चा की गई है कि कैसे रजत शर्मा देश के सबसे ताक़तवर संपादक बन गये हैं।

रजत शर्मा: हाव ओनर एंड फेस ऑफ़ इंडिया टीवी बिकेम वन ऑफ द इन्डियाज़ मोस्ट पावरफुल एडिटर नाम से छपे इस विश्लेषण में शर्मा के भारतीय जनता पार्टी के साथ गहरे ताल्लुकातों के बारे में चर्चा की गई है। साथही यह भी बताया गया है कि कैसे अंबानी और गौतम अडानी ने रजत शर्मा की कंपनी में पैसा लगाया है।

रजत शर्मा अपने छात्र जीवन में राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ के सहयोगी संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर भाजपा सरकार के कई मंत्रियों से उनके गहरे रिश्ते हैं। शर्मा इन रिश्तों को नेटवर्किंग कहने के बजाय अपने पिछले चालीस साल के रिश्तों का नतीजा बताते हैं।  

मोदी सरकार के आने के बाद उन्हें पद्म भूषण भी मिल चुका है।

इस विश्लेषण को पढ़कर एक और सवाल उठता है कि कि किसी बडी कंपनी के मालिक का संपादक पद भी संभालना कहां तक जायज है।   

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