एक्सचेंज4मीडिया के अनुसार, इस अपील के बाद मीडिया एजेंसियों ने टैम से अपना सब्सक्रिप्शन रद्द करने का अनुरोध किया है। इस उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि टीवी चैनलों की नई रेटिंग प्रणाली बार्क अप्रैल के दूसरे हफ्ते से क्रियान्वित हो जाएगी। लिहाजा टैम सब्सक्रिप्शन को 31 मार्च 2015 के बाद रद्द कर दिया जाएगा। दरअसल, टैम की रेटिंग प्रणाली से बहुत सारे टीवी चैनल असंतुष्ट हैं और उन्हें लगता है कि कुछ स्थानों पर ही टैम रेटिंग मशीन हाेने के कारण रेटिंग मामले में उनके साथ नाइंसाफी हो रही है।
उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि शीर्ष चार मीडिया एजेंसियां अपना सब्सक्रिप्शन रद्द करने के लिए टैम को पहले ही अनुरोध भेज चुकी हैं। सूत्रों ने यह भी संकेत दिया है कि बार्क के शुरू होते ही बहुत सारे टीवी चैनल्स टैम से अपना नाता तोड़ लेंगे क्योंकि इसकी रेटिंग प्रणाली उनके लिए आकर्षक नहीं रही है।
बार्क इस उद्योग का एक साझा संगठन है जो प्रसारकों, विज्ञापन एजेंसियों और विज्ञापनदाताओं को उनकी शीर्ष संस्थाओं आईबीएफ, एएएआई और भारतीय विज्ञापनकर्ताओं की संस्था (आईएसए) के जरिये एक मंच पर लाता है ताकि टीवी दर्शकों के आकलन की अधिक विश्वसनीय और ठोस प्रणाली विकसित की जा सके।
विज्ञापन से जुड़ी एक एजेंसी का कहना है कि इस नई रेटिंग प्रणाली से टीवी चैनलों और विज्ञापनदाताओं के साथ-साथ हमारा भी फायदा होगा। टैम की रेटिंग प्रणाली में पारदर्शिता नहीं है। मसलन, किसी चैनल के दर्शकों की संख्या सुदूर ग्रामीण इलाकों में अधिक भी होती है लेकिन महानगरों में उसे कोई देखना नहीं चाहता तो टैम रेटिंग उस चैनल को निचले पायदान पर रख देता है क्योंकि उन जगहों पर इसकी रेटिंग मशीन लगी ही नहीं है। इस लिहाज से विज्ञापनदाता भी शीर्ष पायदान वाले चैनलों में महंगे विज्ञापन देकर धोखा खा जाते हैं।