गुलाम अली का संगीत समारोह कल होना था। लेकिन शिव सेना की चेतावनी के बाद इसे रद्द कर दिया गया। शिवसेना ने कहा, जब तक सीमा पार से आतंकवाद नहीं रूकता तब तक पड़ोसी देश के किसी भी कलाकार को देश में प्रस्तुति देने की मंजूरी नहीं दी जाएगी।
कार्यक्रम के आयोजकों ने शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ उपनगर बांद्रा में स्थित उनके घर मातोश्री में बैठक के बाद कार्यक्रम रद्द करने की घोषणा की।
शबाना ने ट्विटर पर कहा, क्या हम पाकिस्तान के साथ युद्धरत हैं? क्या हमने राजनयिक संबंध तोड़ दिए हैं? क्या हमने हमारे दूतावास बंद कर दिए हैं? तो गुलाम अली पर प्रतिबंध लगाने का क्या औचित्य है? गुलाम अली सद्भावना दिखाते हुए भारतीयों के प्रिय जगजीत सिंह की याद में आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले थे। पाकिस्तान सरकार के साथ सख्ती से बात करना सही है, लेकिन उस देश के कलाकारों से नहीं।
विशाल ने कहा, गुलाम अली साहब और उनका संगीत राजनीति से उंचा और परे है। यदि वह प्रस्तुति नहीं दे सकते तो यह उनका नहीं, बल्कि हमारा नुकसान है।
शेखर ने कहा, गुलाम अली साहब हमारे मेहमान है। उनकी उपस्थिति सम्मान की बात है। संगीत की कोई सीमा नहीं होती।