टोरंटो के कुछ स्वास्थ्य शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्हें कुछ एंटीबायो़टिक्स के मिश्रण (कंबीनेशन) से ऐसे अजेय बैक्टीरिया को मारने में सफलता मिली है। यह भारत के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी है क्योंकि वह उन कुछ देशों में शुमार है जिन पर सुपरबग का सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है। पिछले सप्ताह ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने करीब एक दर्जन सुपरबग की पहचान कर भारत को आगाह किया था। इसके ठीक बाद आई इस खबर से देश के डॉक्टरों ने राहत की सांस ली है।
शोधकर्ताओं का दावा है कि एंटीबायोटिक्स प्रतिरोधी बैक्टीरिया सुपरबग का जो तोड़ उन्हें मिला है, वह क्रांतिकारी साबित हो सकता है। मैंक्स वैशाली के मेडिकल एडवाइजर एवं दवा के जाने माने विशेषज्ञ डॉ. एन. पी, सिंह ने कहा कि यह भारत के लिए निश्चित रूप से बड़ी खुशखबरी है क्योंकि एंटीबायोटिक्स का जितना मनमाना प्रयोग भारत में हो रहा है उतना कहीं नहीं। एंटीबायोटिक्स के गैर जरूरी एव आधे अधूरे प्रयोग से ही ये सुपरबग पैदा हो रहे हैं। यहां अस्पतालों में ऐसे कई मरीज सामने आ रहे हैं जिनको हुए संक्रमण पर कोई एंटीबायोटिक्स प्रभावी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कंबिनेशन थेरेपी ऐसे बैक्टीरिया का तोड़ हो सकता है। लेकिन भारत में एंटीबायोटिक्स के मनमाने प्रयोग पर रोक की प्रभावी रणनीति समय की सबसे बड़ी जरुरत है।