पाकिस्तान के विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी ने दावा किया कि हब्बल स्पेस टेलीस्कोप को नासा ने नहीं बल्कि पाकिस्तान की स्पेस एजेंस ने लांच किया था। इस बेतुके बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया गया और मजाक उड़ाया गया।
नासा ने नहीं, पाक की एजेंसी ने लांच किया था
पाकिस्तान टीवी चैनल जियो न्यूज पर एक टॉक शो में उन्होंने दावा किया कि दुनिया की सबसे बड़ी टेलीस्कोप को सुपारको (पाकिस्तान के स्पेस एंड अपर एटमॉसफियर रिसर्च कमीशन) द्वारा लांच किया गया था। उन्होंने कहा, "दुनिया की सबसे बड़ी टेलीस्कोप हबल का एक पहलू यह भी है। इसे सुपारको द्वारा लांच किया गया। इसे एक सैटेलाइट पर स्थापित किया गया है।" पाकिस्तान की सुपारको सार्वजनिक और नागरिक स्पेस कार्यक्रमों की जिम्मेदारी संभालती है।
ट्विटर पर मजाक उड़ाने लगे लोग
पाक के विज्ञान मंत्री के इस गलतफहमी भरे बयान के बाद ट्विटर पर लोगों ने उनका मजाक बनाना शुरू कर दिया। एक यूजर ने ट्वीट किया, "हो सकता है नासा के प्रमुख इस्तीफा दे देंगे और सुपारको के प्रमुख के रूप में फवाद चौधरी के मंत्रालय में आ जाएंगे।"
एक अन्य ने ट्वीट किया, "आपने अपने सारे पूर्ववर्तियों को पीछे छोड़ दिया है। आपके नेतृत्व में कुछ दिनों में हमें लगने लगा है कि सुपारको ने हब्बल टेलीस्कोप को अंतरिक्ष में लांच किया.. अविश्वसनीय। प्रधानमंत्री इमरान खान को ऐसे विलक्षण आविष्कारक को इनाम के तौर पर अंतरिक्ष में ही भेज देना चाहिए। "
दिलचस्प यह भी है कि पिछले साल नवंबर में सूचना मंत्री के रूप में चौधरी ने कहा था, "कुछ ऐसे राजनेता हैं जो बहुत अव्यवस्था फैलाते हैं, इन लोगों को अंतरिक्ष में भेज देना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा था, "मैं सुपारको से कहूंगा कि वह ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें कि इन नेताओं से अंतरिक्ष में जाने के बाद वे वापस न आने पाएं।"
नासा ने 1990 में लांच की थी हब्बल
हब्बल के बारे में वास्तविकता यह है कि दुनिया की इस सबसे बड़े टेलीस्कोप को 1990 में अंतरिक्ष की निचली कक्षा में लांच किया गया था। यह अभी भी काम कर रही है। इसका नाम प्रसिद्ध खगोलशास्त्री एडविन हब्बल के नाम पर रखा गया था। यह नासा की प्रमुख वेधशालाओं में से एक है। गेलीलियो की टेलीस्कोप के बाद हब्बल की लांचिंग को सबसे आधुनिक और अहम खगोलीय घटना माना गया था।