राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकार :एनपीपीए: ने एक अधिसूचना में कहा कि जनहित में उसने बेयर मेटल स्टेंट के दाम 7,260 रुपये और दवा घुलने वाले स्टेंट और बायोरिसॉबरेबिल वस्क्युलर स्काफोल्ड :बीवीएस: या बायोडिग्रेडेबिल स्टेंट की कीमत 29,600 रुपये निर्धारित की है।
कोरोनरी स्टेंट की आकृति ट्यूब के समान होती है जिसे हार्ट रोग के उपचार के दौरान हार्ट में रक्त प्रवाह करने वाली नलिकाओं में लगाया जाता है। ये धमनी-शिराओं को खुला रखते हैं।
इस समय स्टेंट का अधिकतम खुदरा मूल्य 25,000 रुपये से 1.98 लाख रुपये तक है। एनपीपीए की वेबसाइट पर जारी जानकारी के अनुसार अस्पताल सबसे ज्यादा मुनाफा स्टेंट से कमाते हैं। इनसे 654 प्रतिशत तक का लाभ अर्जित किया जाता है।
एनपीपीए ने अपने आदेश के कारणों को गिनाते हुए कहा, पता चला कि कोरोनरी स्टेंट की आपूर्ति श्रृंखला में हर स्तर पर अनैतिक तरीके से अधिक राशि ली जाती है जिसके नतीजतन रोगियों और डॉक्टरों के बीच की सूचना विषमताओं से संचालित बाजार व्यवस्था में असंगत और बहुत ज्यादा मूल्य रोगी को वित्तीय संकट में डालते हैं।
इसमें कहा गया कि इस तरह की असामान्य परिस्थितियों में जनहित में अत्यंत आवश्यक है कि कोरोनरी स्टेंट की कीमत की सीमा निर्धारित की जाए ताकि रोगियों को राहत पहुंचाई जा सके।
सरकार ने जुलाई 2016 में कोरोनरी स्टेंट को आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची :एनएलईएम:, 2015 में शामिल किया था। दिसंबर 2016 में स्टेंट को दवा मूल्य नियंत्रण आदेश :डीपीसीओ:, 2013 की पहली अनुसूची में शामिल किया गया था। भाषा