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एस्ट्रोसैट का सफल प्रक्षेपण, साथ ले गया 4 अमेरिकी उपग्रह

अपनी पहली अंतरिक्ष वेधशाला एेस्ट्रोसैट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर भारत अंतरिक्ष वेधशाला रखने वाले कुछ चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है। एस्ट्रोसैट अपने साथ छह विदेशी उपग्रहों को भी कक्षा में स्थापित करने के लिए भेजा गया है। यह पहली बार है, जब भारत ने अमेरिकी उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं।
एस्ट्रोसैट का सफल प्रक्षेपण, साथ ले गया 4 अमेरिकी उपग्रह

ये उपग्रह सान फ्रांसिस्को की एक कंपनी के हैं। इन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो की व्यावसायिक शाखा एंट्रिक्स काॅरपोरेशन लिमिटेड के साथ हुए समझौत के तहत प्रक्षेपित किया है। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से हुए इस प्रक्षेपण में इसरो के विश्वसनीय ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी ने अपनी इस 31वीं उड़ान के शुरू होने के लगभग 25 मिनट बाद एेस्ट्रोसैट और इसके साथ भेजे छह उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर दिया।

पहले ही प्रयास में प्रक्षेपित एेस्ट्रोसैट में एक्सरे का इस्तेमाल करने वाला एक दूरदर्शी लगा है। इसे अमेरिका के नासा द्वारा वर्ष 1990 में प्रक्षेपित हबल दूरदर्शी का लघु संस्करण और खगोलीय स्रोतों का अध्ययन करने का एक समग्र साधन माना जा रहा है। अब तक अमेरिका, जापान, रूस और यूरोप ने ही अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित की है।

प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एस्ट्रोसैट के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो की सराहना की है। मोदी ने ट्विटर पर लिखा, बहुत खूब इसरो। यह भारतीय विज्ञान और हमारे वैज्ञानिकों के लिए एक और बड़ी उपलिब्ध है।

 

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