कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने शुक्रवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कठोर सुधार और कर आतंकवाद को समाप्त करने का आह्वान किया। कांग्रेस पार्टी के संचार प्रभारी महासचिव रमेश ने एक पोस्ट में एक शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को एक बड़े 'बूस्टर डोज' की ज़रूरत है। उन्होंने कुछ 'बड़े' व्यापारिक समूहों द्वारा पक्षपात के कारण विकास को दरकिनार करने का आह्वान किया।
रमेश ने एक्स पर कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि अर्थव्यवस्था को एक बड़े बूस्टर डोज की ज़रूरत है। यह तभी संभव होगा जब जीएसटी में व्यापक सुधार होगा, कर आतंकवाद का माहौल खत्म होगा, और पक्षपात के ज़रिए सिर्फ़ एक या दो बड़े व्यावसायिक समूहों के विकास पर केंद्रित रहने का सिलसिला ख़त्म होगा। उन्होंने दावा किया कि प्रमुख उच्च-आवृत्ति संकेतक धीमे हो रहे हैं या सुस्त बने हुए हैं, जिनमें ऋण और निर्यात के साथ-साथ जीएसटी संग्रह भी शामिल हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि निजी खपत में तेज़ी नहीं आ रही है, जिसमें रियल एस्टेट और दोपहिया व तिपहिया वाहनों की बिक्री शामिल है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा, "परसों नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज़ द्वारा जारी एक शोध रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर कुछ चिंताएँ व्यक्त की गई हैं। इसमें निम्नलिखित बातों पर प्रकाश डाला गया है: प्रमुख उच्च आवृत्ति संकेतक धीमे हो रहे हैं या मंद बने हुए हैं। इनमें ऋण और निर्यात के साथ-साथ जीएसटी संग्रह भी शामिल हैं। निजी खपत में भी तेज़ी नहीं आ रही है। इनमें रियल एस्टेट, दोपहिया और चौपहिया वाहनों की बिक्री शामिल है।"
उन्होंने आगे कहा कि 2025/26 में उद्योग जगत की शुरुआत कमज़ोर रहेगी और बिजली, डीज़ल और मध्यम व भारी वाणिज्यिक वाहनों की खपत में भी यही रुझान रहेगा। आठ प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर कमज़ोर है। ग्रामीण भारत की खुशहाली के निर्धारक, कृषि क्षेत्र की कीमतें भी कमज़ोर बनी हुई हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि देश में कॉर्पोरेट घराने नकदी प्रवाह पर ही केंद्रित हैं और अब अपने पहले से ही उच्च मुक्त नकदी प्रवाह को बढ़ाने के लिए वेतन और पूंजीगत व्यय में कटौती कर रहे हैं।