कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार, जो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़ पर चर्चा के दौरान आरएसएस का गान गाकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी।
अचानक एक संगीतमय धुन ने सदन को आश्चर्यचकित कर दिया, जिसमें आरएसएस के राष्ट्रगान 'नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि' की पहली कुछ पंक्तियां सुनाई दीं।
शिवकुमार का यह बयान उस समय आया जब भाजपा विधायकों ने शिवकुमार पर भगदड़ को भड़काने का आरोप लगाया क्योंकि उन्होंने बड़े पैमाने पर उन्माद पैदा किया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि शिवकुमार बेंगलुरु हवाई अड्डे पर आरसीबी टीम के आगमन पर उन्हें लेने गए थे और हवाई अड्डे से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक की पूरी यात्रा के दौरान कन्नड़ झंडा लहराते रहे।
आरोपों का जवाब देते हुए शिवकुमार ने कहा, "मैं कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) का सदस्य हूं और केएससीए सचिव समेत वहां के लोग मेरे मित्र हैं। मैं बेंगलुरु का प्रभारी मंत्री हूं। मैं (4 जून को) हवाई अड्डे और स्टेडियम गया था। मैंने कर्नाटक का झंडा भी थामा था, मैंने उन्हें (आरसीबी को) शुभकामनाएं दीं और कप भी चूमा। मैंने अपना काम कर दिया।"
उन्होंने आगे कहा, "दुर्घटना हुई। ऐसी घटनाएँ अन्य राज्यों में भी हुई हैं। ज़रूरत पड़ी तो मैं अन्य स्थानों पर हुई घटनाओं की सूची भी पढ़कर सुनाऊँगा। मुझे भी आपके बारे में बहुत कुछ कहना है।"
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह गृह मंत्री जी परमेश्वर के साथ बड़े हुए हैं।
इस पर विपक्ष के नेता भाजपा आर अशोक ने शिवकुमार को याद दिलाया कि उन्होंने एक बार कहा था कि वह 'आरएसएस की चड्ढी' पहनते हैं। सदन के मनोरंजन के लिए शिवकुमार ने 'नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि...' गाना गाया।
विपक्ष ने मेज थपथपाकर राष्ट्रगान का स्वागत किया लेकिन कांग्रेस खेमे में पूर्णतया सन्नाटा पसरा रहा। भाजपा विधायक वी. सुनील कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा, "आशा है कि ये पंक्तियां रिकार्ड से हटाई नहीं जाएंगी।"
शिवकुमार ने जानना चाहा कि जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, क्या सरकारें कभी जिम्मेदारी लेती हैं।
उन्होंने कहा, "आपको गर्व होना चाहिए कि इस सरकार ने (भगदड़ के बाद) तुरंत कार्रवाई की और पुलिस अधिकारियों तथा रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।"