दिल्ली हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दर्ज मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और उत्तम नगर के विधायक नरेश बाल्यान की जमानत याचिका पर सोमवार को दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति विकास महाजन ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करें। अगली सुनवाई से पहले स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाए।’’
विधायक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत से उन्हें इस आधार पर रिहा करने का अनुरोध किया कि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और उनकी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं।
बाल्यान ने कहा, ‘‘मुझे कम से कम अंतरिम जमानत दी जाए। मैं कोई अपराधी नहीं हूं।’’ पाहवा ने यह भी दलील दी कि बाल्यान के खिलाफ ‘‘कोई सबूत नहीं है’’।
पुलिस के वकील ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय देने का अनुरोध किया, जिसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 23 जनवरी को करना तय किया।
निचली अदालत ने 15 जनवरी को बाल्यान को जमानत देने से इनकार कर दिया था। निचली अदालत के समक्ष दिल्ली पुलिस ने बाल्यान की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया था कि मामले की जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है और अगर जमानत दी जाती है, तो आरोपी जांच में बाधा डाल सकता है।
बाल्यान को चार दिसंबर, 2024 को मकोका के तहत एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसी दिन एक निचली अदालत ने उन्हें कथित जबरन वसूली के एक मामले में जमानत दी थी।