बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के लिए मजिस्ट्रेटी जांच में पांच पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। मजिस्ट्रेट ने सोमवार को अपनी जांच रिपोर्ट बंबई उच्च न्यायालय को सौंप दी। बंबई उच्च न्यायालय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
अन्ना शिंदे ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उनके बेटे को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार डाला था। अक्षय शिंदे (24) को अगस्त 2024 में बदलापुर के एक स्कूल के शौचालय के अंदर दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह स्कूल में ‘अटेंडेंट’ था। सितंबर में तलोजा जेल से पूछताछ के लिए ले जाते समय शिंदे की कथित पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी।
पुलिस ने दावा किया कि उसने पुलिस वैन में मौजूद एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली, गोली चलाई और जवाबी गोलीबारी में वह मारा गया। पुलिस हिरासत में किसी आरोपी की मौत के मामले में कानून के तहत मजिस्ट्रेटी जांच शुरू की जाती है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने रिपोर्ट का अवलोकन किया।
पीठ ने कहा कि मजिस्ट्रेट की जांच में निष्कर्ष निकला है कि वैन में मौजूद पांच पुलिसकर्मी आरोपी की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। पीठ ने कहा कि कानून के अनुसार, अब पांचों पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और जांच की जाएगी। अदालत ने सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर से कहा कि वह दो सप्ताह में पीठ को बताएं कि मामले की जांच कौन सी जांच एजेंसी करेगी।