शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे की अपने चचेरे भाई महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के साथ मुलाकात के एक दिन बाद सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि उनकी चर्चा राजनीतिक थी और नगर निकाय चुनावों से पहले दोनों दलों के बीच गठबंधन ‘‘दिल और दिमाग’’ से किया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह तय करना कि किसे कहां शामिल किया जाए, कोई आसान प्रक्रिया नहीं है क्योंकि महाराष्ट्र के हर हिस्से में राजनीतिक समीकरण अलग हैं। मुंबई, नवी मुंबई, नाशिक और ठाणे जैसी प्रमुख महानगरपालिकाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कुछ क्षेत्रों में सिर्फ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ताकत ही निर्णायक होगी, इसलिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखना होगा।
संजय राउत ने महापौर पद को लेकर भी स्पष्ट रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि मुंबई का महापौर मराठी होगा और वह असली भगवा रंग और मराठी बाणा वाला होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल शिवसेना और मनसे के नेताओं के पास ही यह गौरव है। ठाकरे बंधुओं में से ही महापौर चुना जाएगा। राउत ने बताया कि महा विकास आघाड़ी केवल विधानसभा चुनावों के लिए नहीं बनी थी, बल्कि स्थानीय निकाय चुनावों के लिए अलग समीकरण बनाए जाएंगे और कौन कहां रहेगा, इस पर गहन अध्ययन किया जाएगा।
राज ठाकरे के महा विकास आघाड़ी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एमवीए किसी एक पार्टी की नहीं है बल्कि तीन प्रमुख दलों का गठबंधन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज ठाकरे के साथ उनके संबंध अच्छे हैं और शिवसेना और मनसे के बीच चर्चाएं चल रही हैं। वहीं, राज–उद्धव मुलाकात का विपक्ष पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि राउत के अनुसार शिंदे की पार्टी और अजित पवार की पार्टी असल में बीजेपी की ही हैं।