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'इसे नमाजवाद कहते हैं...', वक्फ बिल विरोध को लेकर इंडिया गठबंधन पर भड़की भारतीय जनता पार्टी

राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के वक्फ संशोधन अधिनियम पर हालिया बयान का जिक्र करते हुए भाजपा...
'इसे नमाजवाद कहते हैं...', वक्फ बिल विरोध को लेकर इंडिया गठबंधन पर भड़की भारतीय जनता पार्टी

राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के वक्फ संशोधन अधिनियम पर हालिया बयान का जिक्र करते हुए भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को इंडी गठबंधन पर निशाना साधा।

भाजपा सांसद ने कहा कि समाजवादी पार्टी और राजद जैसी पार्टियां जो समाजवाद का 'वस्त्र' ओढ़े हुए हैं, वे 'दमित' मुसलमानों के अधिकारों के लिए नहीं लड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों के समाजवाद को अगर 'नमाजवाद' कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "समाजवाद का चोला ओढ़े ये दल जैसे आरजेडी, समाजवादी पार्टी आदि गरीब और दबे-कुचले मुसलमानों के हक के लिए खड़े नहीं हो रहे हैं। इसलिए आरजेडी और एसपी के समाजवाद को कतई समाजवाद नहीं कहा जा सकता। अगर इसे नमाजवाद कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। बीजेपी और एनडीए गठबंधन ने ठान लिया है कि अगर कोई बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान, उसके किसी भी प्रावधान को कूड़ेदान में फेंकना चाहेगा तो हम ऐसा नहीं होने देंगे।"

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह बहुत "दुखद" है कि जिस स्थान पर लाखों लोग "संविधान" को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना एकत्र हुए थे, उसी स्थान पर एक रैली आयोजित की गई जिसमें तेजस्वी यादव ने कहा कि वह "संसद द्वारा पारित कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे"।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "हाल ही में भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे भयावह अध्याय आपातकाल के 50 साल पूरे हुए। लेकिन यह बेहद दुखद है कि कल पटना के उसी गांधी मैदान में, जहां आपातकाल के दौरान लाखों लोग संविधान की रक्षा के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना जुटे थे, एक रैली हुई जिसमें तेजस्वी यादव ने कहा कि हम संसद द्वारा पारित कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे।"

भाजपा सांसद ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह कानून संसद के दोनों सदनों में पारित हो चुका है और फिलहाल यह मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "भारतीय संसद के दोनों सदनों ने इसे पारित कर दिया है, यह अदालत में लंबित है, सिर्फ एक नहीं बल्कि उच्च न्यायालय के आधा दर्जन फैसले, इलाहाबाद और कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले स्पष्ट रूप से उनके पक्ष में हैं।"

भाजपा सांसद ने जोर देकर कहा कि विपक्ष अपनी 50 साल पुरानी मानसिकता से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। वोट बैंक के लिए संविधान की अवहेलना की जाती है।

भाजपा सांसद ने कहा, "इसका मतलब है कि संसद और न्यायपालिका के प्रति कोई सम्मान नहीं है। तेजस्वी यादव और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के अन्य नेताओं ने वोट बैंक की खातिर जो कुछ भी कहा है, उससे यह स्पष्ट है कि वे संविधान को कूड़ेदान में फेंकने की 50 साल पुरानी मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।"

राजद नेता तेजस्वी यादव रविवार को पटना में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में शामिल हुए। वक्फ संशोधन अधिनियम 3 और 4 अप्रैल को संसद के दोनों सदनों में पारित हुआ था और 5 अप्रैल को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन गया। 

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