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पश्चिम देशों का नहीं बल्कि चीन का है सेब

एक नए वृत्तचित्र में दावा किया गया है कि सेब सबसे पहले चीन के सुदूर शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में पैदा हुए। इसके साथ ही इसने अब तक चली आ रही उस चीनी धारणा को खारिज कर दिया, जिसके अनुसार सेबों को पश्चिमी देशों की उपज माना जाता है।
पश्चिम देशों का नहीं बल्कि चीन का है सेब

सरकारी टीवी सीसीटीवी के वृत्तचित्र सेविंग द जीन पूल एेसे कई वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध करवाता है, जो ये दर्शाते हैं कि उगाए जाने वाले सभी सेबों की किस्में दरअसल मध्य एशिया की तियानशान पर्वत श्रृंखला में उगने वाले मैलूस सीवर्सली की वंशज हैं। कई चीनी लोगों का मानना है कि सेब से चीन का परिचय एक अमेरिकी ईसाई मिशनरी जाॅन लिविंगस्टोन नेवियस :1829-93: ने कराया था।

सरकारी अखबार चाइना डेली ने कहा कि एेसा कहा जाता है कि लिविंगस्टोन और उनकी पत्नी शांगदोंग प्रांत के यंताई में सेब के बीज अपने साथ लेकर आए थे। यह क्षेत्र अब सेब उगाने के लिहाज से एक बड़ा क्षेत्र माना जाता है।

वृत्तचित्र बनाने वाले दल ने शिनजियांग के इली कजाक स्वायत्त क्षेत्र में सेब के जंगली पेड़ का परीक्षण भी किया। कुल 12.9 मीटर लंबाई वाला यह पेड़ 600 साल से भी पुराना माना जाता है। यह अवधि उस समय से भी कई सौ साल पहले की है, जब चीन में सेब लाए गए थे। हालिया शोध के अनुसार, इस क्षेत्र में जंगली सेब की 84 किस्में हैं, जो इसे एक दुर्लभ और समृद्ध एप्पल जीन पूल बनाता है। भाषा एजेंसी 

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