खास बात यह है कि मान अपनी जिंदगी में कोई प्रोफेशनल खिलाड़ी नहीं रही हैं बल्कि उन्होंने अपने बेटे के जोर देने पर 93 वर्ष की उम्र में खेलना शुरू किया। इस प्रतियोगिता में मान कौर के बेटे गुरदेव सिंह भी हिस्सा ले रहे हैं जो खुद 78 साल के हो चुके हैं। गौरतलब है कि दुनिया के कई देशों में बुजुर्गों के लिए मास्टर्स गेम्स आयोजित किए जाते हैं। हर दो साल पर विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स का भी आयोजन होता है और मान कौर दो साल पहले हुए विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स में दो स्वर्ण जीत चुकी हैं।
100 मीटर दौड़ में मान इस उम्र की महिला श्रेणी में अकेली प्रतिभागी थीं। 101 साल के ब्रिटिश निहाल गिल इस प्रतियोगिता में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी थे।दौड़ खत्म करने पर 70 से 80 साल उम्र के दूसरे सहभागियों ने मान का स्वागत किया। मान कौर ने यह दौड़ एक मिनट 21 सेकेंड में पूरी की। मान कौर इस उम्र में भी हर दिन आधा घंटा सैर करती हैं और खास बात यह है कि उन्हें अभी घुटनों में दर्द या दिल की कोई बीमारी नहीं है।
तीन पदक जीतने के बाद मान कौर ने कहा कि खेलने की कोई उम्र नहीं होती। हम किसी भी उम्र में खेल सकते हैं। बल्कि महिलाओं को तो खेलों में आना चाहिए और इसके लिए अपने आहार पर नियंत्रण रखना चाहिए। इस उम्र में चलते फिरते रहने से बीमारियां भी दूर रहती हैं। (एजेंसी)