आज पूरे देश में भैया दूज का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में मुरादाबाद जेल में बंद भाइयों से मिलने के लिए बड़ी संख्या में बहनें पहुंची। भाइयों से मिलने और प्रसाद खिलाने के लिए जेल के बाहर लगी बहनों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी मुस्तैद है।
रक्षाबंधन हो या भाई-दूज, भारतीय संस्कृति के ये दोनों ही पर्व परिवार के भीतर भाई-बहन के रिश्तों में प्यार और मिठास घोलते हैं। दोनों ही त्योहारों में भाई के लिए बहन की रक्षा, उसकी खुशी और उसके प्रति हर जिम्मेदारी का संकल्प निहित है। बहन भी भाई के प्रति प्रेम, स्नेह और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है।
दोनों ही पर्व पौराणिक कथाओं, मान्यताओं और हमारी पारंपरिक जीवन की समृद्धि के कथानक हैं। खास बात यह है कि बीते दो दशकों में दोनों ही त्योहार पर बाजार का प्रभाव रहा है तो वहीं दूसरी ओर भाई-बहन के रिश्तों के ये पर्व नई पहचान के साथ मजबूत भी हुए हैं।