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मित्रो! सोनम गुप्ता को भूले तो नहीं

वो साल दूसरा था, ये साल दूसरा है। पर मौसम कुछ ऐसा ही था, जब ‘सोनम गुप्ता’ वायरल हुई थी। उस वक्त हम...
मित्रो! सोनम गुप्ता को भूले तो नहीं

वो साल दूसरा था, ये साल दूसरा है। पर मौसम कुछ ऐसा ही था, जब ‘सोनम गुप्ता’ वायरल हुई थी। उस वक्त हम बैंकों की कतार में थे। टीवी और अखबारों में नोटबंदी के फायदे और नुकसान पर आजकल की तरह ही ज्ञान वर्षा हो रही थी। सोशल मीडिया में विभाजन साफ नजर आ रहा था। ऐसे में नोटबंदी के हफ्ते दिन के भीतर मोदी जी की कड़वी गोली हवा हो गई और सोनम गुप्ता ट्रेंड करने लगी।

जी हां, मैं बात कर रहा हूं ‘सोनम गुप्ता बेवफा है’ की। अब ये कौन सी सोनम गुप्ता थी, आज तक पता नहीं चला। कोई बात नहीं हमें नोटबंदी की बैलेंस शीट भी कौन सी पता है। तो नोटबंदी की सालगिरह के बहाने याद कर लेते हैं उस दौर को जब देश की तमाम सोनम गुप्ता शक के दायरे में आ गई थीं।

बीते साल की शुरुआत में सबसे पहले एक 10 रुपये का नोट इंटरनेट पर नजर आया था जिसपर 'सोनम गुप्ता बेवफा है' लिखा था। प्यार में ठुकराए किसी आशिक की हरकत लगी। जब रघुराम राजन ने आरबीआइ गवर्नर का पद छोड़ने का फैसला किया तो यह पहली बार चर्चा में आई। सोशल मीडिया पर इस नोट को यह कहते हुए बढ़ाया गया कि दरअसल राजन इसी वजह से पद छोड़ कर जा रहे हैं। पर कुछ दिनों में इंटरनेट के वायरल मजाकों की तरह इसकी उम्र भी ढल गई।

लेकिन, नोटबंदी के ऐलान के हफ्तेभर के भीतर सोनम गुप्ता फिर से इतराती हुई इंटरनेट की दुनिया में अवत‌रित हुई। अबकी बार उसकी दुनिया दस रुपए के नोट पर ही नहीं सिमटी थी। नए नवेले 2 हजार के नोट पर भी 'सोनम गुप्ता बेवफा है' दिखाई दिया। फोटोशॉप के जुगाड़बाजों

ने 10 के सिक्के से लेकर मंगल ग्रह की तस्वीरों तक में 'सोनम गुप्ता बेवफा है' लिख डाला। डोनाल्ड ट्रंप से लेकर मार्क जुकरबर्ग तक पूछने लगे कि सोनम गुप्ता कौन है।

सोशल मीडिया में एक नई थ्योरी चली। ‘सोनम गुप्ता बेवफा है’ को नोटबंदी का कोडवर्ड बताया गया। इसकी व्याख्या इस तरह की गई;

सोनमः संपत्ति (बड़े नोट)

गुप्ताः काला धन

बेवफा हैः रद्द होने वाला है

देश के एक न्यूज चैनल ने इस वायरल सच की पड़ताल भी कर डाली। पड़ताल में यह दावा उसी तरह मुंह के बल गिरा जैसे नए नोटों में चिप होने की बात।

बात यहीं नहीं रुकी। जब बेवफाई के चर्चे आम हो गए तो देश की कई सोनम गुप्ता सामने आईं। इस वायरल मजाक से हुई पीड़ा बयां की। खुद की वफादारी के सबूत देते हुए कहा ‘मैं वह सोनम गुप्ता नहीं हूं’। कुछ लोगों ने इसे महिलाओं के अपमान से भी जोड़ा। पर मौसम बदलने के साथ ही सोनम गुप्ता भी गायब हो गई। शायद वह भी इंतजार कर रही है कि कोई पुकारे ‘मित्रो...’

 

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