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मुंबई का स्ट्रीट फूड है जेब और जीभ के अनुकूल

मुंबई सिर्फ सपनों की ही नगरी नहीं है बल्कि सड़क किनारे बिकने वाले स्ट्रीट फूड के लिए भी जानी जाती है।...
मुंबई का स्ट्रीट फूड है जेब और जीभ के अनुकूल

मुंबई सिर्फ सपनों की ही नगरी नहीं है बल्कि सड़क किनारे बिकने वाले स्ट्रीट फूड के लिए भी जानी जाती है। यहां हर नुक्कड़ चौराहे पर मिलने वाली ‘पानी पूरी’ से लेकर चटपटा ‘वड़ा पाव’ ना केवल आपको बेहद स्वादिष्ट लगेगा बल्कि आपके जेब के भी अनुकूल है यानी बिना जेब पर भार दिए इसका स्वाद आसानी से चखा जा सकता है। 

खानपान विशेषज्ञों के मुताबिक,  विशाल महानगर में सड़क किनारों पर आपको खाने-पीने का सामान मिलेगा और इसकी विशिष्ट पहचान ‘स्ट्रीट फूड’ है। उन्होंने बताया कि मुंबई व्यंजन कई व्यंजनों का सम्मिश्रण है। मशहूर शेफ रणवीर बरार ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि मुंबई में ‘कोलिस या मछुआरा समुदाय’ के रहने के कारण इस तटीय शहर को समुद्री खानपान के लिए जाना जाता था।

रणवीर ने कहा, लेकिन समय के साथ अन्य समुदायों के लोगों के यहां आने से खानपान की समृद्धि में विस्तार हुआ। शहर में मिलने वाले भोजन पर मराठी संस्कृति की छाप देखने को मिलेगी, लेकिन अन्य राज्यों से आए लोगों के खान पान की रुचि के अनुसार अनेक नए व्यंजन भी बनने और मिलने लगे। उन्होंने बताया कि उदाहरण के तौर पर पारसी समुदाय ने ईरानी कैफे की श्रृंखला पेश की, तो वहीं दक्षिण भारतीयों की अच्छी खासी संख्या के कारण उडुपी रेस्त्रांओं की लोकप्रियता बढ़ी। इसी तरह गुजराती समुदाय के व्यंजनों का भी यहां अच्छा बोलबाला है।

शेफ ने बताया कि कि ‘पाव भाजी’ हर जगह मिलने वाला खाद्य पदार्थ है और यह काफी पसंद भी किया जाता है। इसके बाद ‘भेल’, ‘पानी पूरी’ और मुंबई शाकाहारी सैंडविच मिलता है। इस खानपान की विशिष्टता इसकी चटनी से होती है जो कि इसके चारों ओर लगी होती है। इसके अलावा ‘कांडा पोहा’ ‘इडली’ और ‘मसाला डोसा’ वाला खाना भी यहां काफी लोकप्रिय है।

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