पाकिस्तान मंगलवार को अपना 72वां आजादी का दिवस मना रहा है। भारत के जैसे ही पाकिस्तान में भी उमंग के साथ आजादी का जश्न मनाया जाता है।
15 अगस्त, 1947 को हमारा देश अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। इसी दिन पाकिस्तान ने भी आजादी पाई थी। खुद मुहम्मद अली जिन्ना ने 15 अगस्त 1947 को पाकिस्तान ब्रॉडकास्टिंग सर्विस की शुरुआत करते हुए देश के नाम यह संदेश जारी किया था, “ढेर सारी खुशियों के साथ मैं आपको बधाइयां देता हूं। 15 अगस्त स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र पाकिस्तान का जन्मदिन है।” यहां तक कि 1948 में पाकिस्तान ने जो पहला डाक टिकट जारी किया उसमें आजादी की तिथि 15 अगस्त 1947 ही दर्ज है।
लेकिन पाकिस्तान अपनी आजादी का पर्व 14 अगस्त को मनाता है। आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण है...
दरअसल, इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान एक ही दिन आजाद हुए थे। पाकिस्तान के रूप में एक अलग राष्ट्र की स्वीकृति 14 अगस्त को हो गई थी। इसी दिन ही ब्रिटिश लॉर्ड माउंटबेटेन ने पाक को स्वत्रंत राष्ट्र का दर्जा देकर सत्ता सौंपी थी। कहा जाता है कि भारत और पाकिस्तान को सत्ता का हस्तांतरण अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को करना था जो भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के एकमात्र प्रतिनिधि थे। लेकिन माउंटबेटन एक ही समय पर नई दिल्ली और कराची में उपस्थित नहीं हो सकते थे। यह भी नहीं हो सकता था कि वे 15 अगस्त को पहले भारत को सत्ता का सौंपे और फिर कराची जाएं क्योंकि भारत को सत्ता सौंपते ही कानून के अनुसार उनकी भूमिका भारत के गवर्नर जनरल की हो जानी थी। ऐसे में रास्ता यही था कि वे वायसराय रहते हुए 14 अगस्त को ही पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरित कर दें।
बता दें कि 15 अगस्त के बजाय पाकिस्तान की आजादी का जश्न 14 अगस्त मनाने का सिलसिला 1948 में हुआ। इसके पीछे यह भी कहा जाता है कि रमजान का 27वां दिन था। जो इस्लामी कैलेंडर के अनुसार खास और पवित्र दिन माना जाता है। हालांकि कुछ लोगों का यह भी मानना है कि पाकिस्तान यह दिखाना चाहता था कि उनका देश भारत से एक दिन पहले आजाद हुआ है।