ऐसा कहा और सुना जाता है कि राजनीति की न तो कोई पाठशाला होती है और न ही कोई प्रशिक्षण। राजनीति में लोगों की एंट्री या तो वंशवाद के सहारे, तो कभी धन बल या अन्य ताकतों के सहारे होती है, लेकिन अब इस क्षेत्र में एक नया प्रयोग होने जा रहा है और वह है राजनीति की पाठशाला। इस प्रयोग की पहल करते हुए ‘अभिनव राजस्थान’ नामक संगठन अब विधायक बनने का प्रशिक्षण देने की तैयारी में जुट गया है।
राजस्थान के पुष्कर शहर में इसी सप्ताह एक विशेष प्रशिक्षण शिविर शुरू हो रहा है, जिसमें युवाओं को विधायक बनने के गुर सिखाए जाएंगे। सामाजिक राजनीतिक संगठन 'अभिनव राजस्थान' द्वारा आयोजित इस शिविर के माध्यम से संगठन का उद्देश्य प्रदेश में वैकल्पिक राजनीतिक माहौल तैयार करना है।
पुष्कर में होगी विधायक प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत
अभिनव राजस्थान के संस्थापक डॉ. अशोक चौधरी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआइ को बताया कि यह शिविर एक सतत प्रक्रिया की शुरुआत है, जो 14-15 अक्टूबर को पुष्कर में विधायक प्रशिक्षण शिविर से शुरू होगी। अब तक इस शिविर में भाग लेने के लिए राज्यभर से 250 से अधिक लोग पंजीकरण करवा चुके हैं। हालांकि नेहरू युवा केंद्र की ओर से युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर (यूथ्ा लीडरशिप ट्रेनिंग कैंप) चलाने की परंपरा बहुत पहले से रही है लेकिन इस संगठन के मुताबिक यह शिविर इस मायने में अलग होंगे कि इसमें केवल नेता नहीं बल्कि ख्ास कर एमएलए बनने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
शिविर का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया संबंधी बुनियादी जानकारी देना
इस शिविर का उद्देश्य जनप्रतिनिधि चयन व चुनाव प्रक्रिया संबंधी बुनियादी जानकारी देना और इस बारे में मिथकों को तोड़ना है। दो दिनों में मूल विषयों पर विशेषज्ञ दस सत्रों में बात रखेंगे और संवाद होगा। इस शिविर के विभिन्न सत्रों में समाजशास्त्री,शिक्षाविदों सहित अनेक क्षेत्रों की हस्तियां शिविरार्थियों मार्ग-निर्देशन करेंगी।
अशोक चौधरी ने बताया कि इसके बाद जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा। प्रशिक्षण में भाग लेने वालों को अपने-अपने इलाके में काम करने को कहा जाएगा, जिसका फीडबैक और टेस्ट हर दो महीने में होगा। यह प्रक्रिया सतत चलती रहेगी।
योग्य लोगों का विधानसभा में पहुंचना जरूरी
भारतीय प्रशासनिक सेवा छोड़कर सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता बने डॉ. चौधरी के अनुसार, स्वस्थ और असली लोकतंत्र की स्थापना के लिए योग्य लोगों का विधानसभा में पहुंचना जरूरी है। इस शिविर में किसी भी पार्टी या विचारधारा से जुड़े लोग भाग ले सकते हैं।
अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं
बता दें कि राजस्थान में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और चौधरी को उम्मीद है कि उनकी इस पहल से कुछ अच्छे व नए लोग चुनावी प्रक्रिया में शामिल होंगे। देश में भावी नेता या जनप्रतिनिधि तैयार करने के लिए युवाओं को प्रशिक्षण देने की हाल ही में एक दो पहल देखने को मिली है। विश्लेषक इसे सकारात्मक शुरुआत मानते हैं।
यह स्वागतयोग्य और सकारात्मक कदम है
वहीं, जेएनयू में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर एम.एन ठाकुर ने पीटीआइ से कहा कि राजनीतिक जागरूकता व चेतना के लिहाज से यह स्वागतयोग्य और सकारात्मक कदम है। भले ही इसके परिणाम अभी सामने आने हैं।
प्रोफेसर ठाकुर ने कहा कि प्रमुख राजनीतिक दलों और विश्वविद्यालय स्तर पर राजनीतिक प्रशिक्षण की परंपरा और अवसर लगभग समाप्त होने के बीच ऐसे प्रशिक्षणों की जरूरत महसूस की जा रही है। पहले भी डॉ. अंबेडकर और अन्य हस्तियां ऐसी कोशिश कर चुकी हैं, उन कोशिशों को आगे बढ़ाने की कोशिशें भी हुईं हैं और यह प्रक्रिया चल रही है।