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देखें, जब नोटबंदी के दौरान लोगों की जगह लाइन में लगे थे चप्पल-जूते, पत्थर और अखबार

आज से दो दिन बाद यानी 8 नवंबर, 2017 को नोटबंदी लागू हुए पूरा एक साल हो जाएगा। गत वर्ष जब 8 नवंबर की रात को...
देखें, जब नोटबंदी के दौरान लोगों की जगह लाइन में लगे थे चप्पल-जूते, पत्थर और अखबार

आज से दो दिन बाद यानी 8 नवंबर, 2017 को नोटबंदी लागू हुए पूरा एक साल हो जाएगा। गत वर्ष जब 8 नवंबर की रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की तो पूरे भारत में हड़कंप मच गया था। इस हड़कंप की खबर न सिर्फ भारत में ही बल्कि विदेशी मीडिया में छाई रही। नोटबंदी की पहली सालगिरह के मौके पर एक ओर जहां केंद्र की भाजपा सरकार जश्न मनाने की तैयारी में लगी हुई है तो वहीं, दूसरी ओर विपक्ष इस दिन को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने और नोटबंदी का विरोध करने की बात कह रहा है।

8 नवंबर, 2016 की रात 8 बजे पीएम मोदी ने कालेधन को खत्म करने के लिए 1000 और 500 के नोट बंद करने का जो फैसला लिया, उसका सबसे ज्यादा असर आम जनता पर पड़ा। जिन घरों में शादियां थीं, इस खबर से वे सबसे ज्यादा आहत हुए। हालांकि बाद में सरकार ने उनको छूट दे दी कि शादी का कार्ड दिखाकर वे ज्यादा नोट बदलवा सकते हैं। नोटबंदी की घोषणा होते ही आधी रात के बाद से पुराने नोट तो बंद हो गए, लेकिन अगले ही दिन से बैंकों में पुराने नोटों को जमा करने और उन्हें बदलवाने का जो सिलसिला 9 नवंबर से शुरू हुआ, वह काफी लंबे समय तक जारी रहा। 

इस घोषणा के बाद पीएम मोदी के इस फैसले को जनसर्मथन तो मिल रहा था, लेकिन इससे लोग काफी परेशान भी हो रहे थे। अगले ही दिन यानी 9 नवंबर, 2016 की सुबह से ही बैंक और एटीएम के बाहर पुराने नोट बदलवाने के लिए लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलने लगीं। लाइनों का ये सिलसिला कई दिनों तक जारी रहा था।

इस दौरान विभिन्न राज्यों में सुबह से लेकर शाम तक का नजारा ही कुछ अलग था। उस समय सुबह से लेकर शाम तक लोग लाइनों में खड़े नजर आते थे। लाइनों में खड़े लोगों के लिए उस दौरान कई जगहों पर लंगर लगाए गए, पानी-चाय, यहां तक कि बैठने के लिए दरियों आदि की भी व्यवस्था की गई। ऐसे में कई लोग अपनी बारी लगाने के लिए लाइन में अपनी चप्पलें, जूते, पत्थर, किताबें और पासबुक तक रख जाते थे ताकि वे थोड़ी देर के लिए आराम से बैठ सकें।

आइए दिखाते हैं कि नोटबंदी के बाद बैंकों और एटीएम के बाहर लाइनों का नजारा कैसा था-

नोटबंदी की घोषणा होने के बाद बैंकों और एटीएम के बाहर शुरुआती दिनों में कुछ इस तरह की भीड़ और लाइनें नजर आईं....

इसके बाद बैंक में पैसे जमा कराने और निकालने की लाइन में खड़े होने से बचने के लिए उस समय लोगों ने अलग-अलग तरीके अपनाए। देखिए कैसे लोगों ने थकान से बचने के लिए बैंक के बाहर अपने चप्पल-जूतों को लाइन लगा में दिया....

बैंक में रुपये जमा कराने के लिए घंटों कतार में खड़े होने से बचने के लिए लोगों ने इस दौरान एक नायाब तरीका निकाला। बैंकों के सामने कतार तो लगी, लेकिन इस कतार में इंसान खड़े नजर नहीं आए बल्कि उन्होंने थकान से बचने के लिए अपनी-अपनी पासबुक को कतार लगा दिया...

बैंकों में पैसा जमा करवाने और बदलवाने के लिए लोगों ने अपनी बारी लगाने के लिए लाइन में पत्थर और बोतल रख दिए और उसके बगल में खुद खड़े हो गए....

वहीं, केरल में एक बैंक के बाहर कुछ लोग तो कागज पर अपना नाम लिखकर उसके ऊपर पत्थर रखकर बगल में बैठे हुए भी नजर आए। बैंक खुलने से पहले ही लोग लाइनों में खड़े हो जाते थे....

 

देश के दूसरे हिस्से में भी लोग सुबह से शाम तक लाइनों में खड़े होकर इस कदर थक चुके थे कि उन्होंने अब खुद खड़े होकर थकने की बजाय न्यूज़ पेपर और अपनी पासबुक को कतार में रखकर खुद को थोड़ा आराम दिया.....

नोटबंदी के बाद पुराने नोटों को बदलवाने के लिए लोगों का पूरा दिन बर्बाद हो जा रहा था। लोग ऑफिस से छुट्टी या देर से ऑफिस जाकर, जल्दी घर आकर नोट बदलवाने का काम कर रहे थे। इस दौरान लाइन में खड़े रहते-रहते लोग काफी परेशान हो गए थे जिसके बाद उन्होंने लाइन में लगने के कई तरह के उपाय ढूंढ निकाले....

 

इस दौरान लोगों को एटीएम में कैश न होने जैसी समस्या से भी काफी जूझना पड़ा....

हालांकि, धीरे-धीरे समय के साथ सब सामान्य हो गया और जब लोगों के हाथ में 2000 और 500 के नए नोट आए तो उस दौरान उनकी खुशी भी अलग दिख रही थी। अपनी खुशी जाहिकर करने के लिए लोगों ने सोशल मीडिया पर नए नोटों के साथ सेल्फी भी शेयर की। 

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