मिसाल के तौर पर अंग्रेजी भाषा के शब्द रैड या बूगी कभी अस्तित्व में आए थे, लेकिन फिर उनको कभी नहीं सुना गया।शोधकर्ताओं के अनुसार जातिवाचक संंज्ञा की लोकप्रितया बढ़ती और घटती रहती है।
शोधकर्ता अभी यह समझ नहीं पाए हैं कि शब्दों की लोकप्रियता बढ़ने और घटने का सिलसिला 14 साल की अवधि में दोहराया जाता है या नहीं। ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय और अर्जेंटीना की राष्ट्रीय वैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुसंधान परिषद के शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन को अंजाम दिया है। भाषा एजेंसी