पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। आईएसफ के अध्यक्ष अब्बास सिद्दीकी ने मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी पर निशाना साधा है।
बीबीसी के मुताबिक, ममता के हिजाब और कोलकाता के मेयर बॉबी हाकिम के दुर्गा पूजा आयोजन को लेकर अब्बास सिद्दीक़ी ने कहा, ''गलत को गलत कहने की हिम्मत होनी चाहिए। आपको मुझसे मिलने के लिए सिर पर टोपी या हिजाब लगाने की आवश्यकता नहीं है। इससे इस्लाम की इज़्ज़त नहीं बढ़ जाएगी। यह कोई नियम नहीं है। मस्जिद में नमाज़ पढ़ने के लिए सिर पर कपड़े रखना ज़रूरी है। मगर आप चुनाव के टाइम में ये सब करते हैं, तो ये नाटक लगता है। ये इस्लाम का अपमान है। राजनीति से मज़हब को दूर रखिए। इसका घालमेल मत करिए।''
अब्बास सिद्दीक़ी ने आगे कहा, ''मैं मुसलमान हूँ। मंदिर में कभी नहीं जाता हूँ। मगर मैं मंदिर के विरुद्ध भी नहीं हूँ। यह एक सेक्युलर गणतंत्र है। सबको अपने धर्म का प्रैक्टिस करने का हक है। मगर इस अधिकार में ड्रामे को शामिल करने के लिए नहीं कहा गया है। चुनाव के समय में मैं मंदिर में जाकर नारियल फोड़ने लगूँ, धूप-अगरबत्ती दिखाने लगूँ, तो यह धर्म का लाभ के लिए इस्तेमाल करना हुआ न कि इससे हिंदू धर्म की प्रतिष्ठा बढ़ गई। हिंदू धर्म की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए मेरे नाटक की आवश्यकता नहीं है।''
इससे पहले ममता ने भी सिद्दीकी पर निशाना साधा था। रायदिघी में एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता ने आरोप लगया था कि ओवैसी और अब्बास सिद्दीकी को बीजेपी की तरफ से हिंदू और मुस्लिम को बांटने के पैसे मिले हैं। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने जनसभा में उपस्थित लोगों से कहा कि यदि आप एनआरसी और बंटवारा नहीं चाहते हैं तो उन्हें (ओवैसी और अब्बास) वोट मत करें। उन्हें वोट करने का मतलब है कि भाजपा को वोट देना। सीएम ने कहा कि हमारी संस्कृति है कि हिंदू और मुस्लिम एक साथ चाय पीते हैं। एक साथ दुर्गा पूजा और काली पूजा मनाते हैं। हमारे गांवों में अशांति होने पर भाजपा को लाभ होगा। टीएमसी अध्यक्ष ने मुसलमानों से अपील की कि जो व्यक्ति हैदराबाद से आया है और 'फुरफुरा शरीफ के एक जवान लड़के' को वोट न दें।
बता दें कि फुरफुरा शरीफ के इमाम पीरजादा अब्बास सिद्दीकी का मुस्लिमों में काफी प्रभाव है और वह पूर्व के चुनाव में ममता बनर्जी का समर्थन करते रहे हैं मगर इस बार सियासी स्थितियां बदली हुई हैं। उन्होंने नई पार्टी बनाकर कांग्रेस और वाममोर्चा के साथ गठबंधन कर लिया है तो दूसरी ओर ओवैसी भी चुनाव मैदान में ताल ठोकने में जुटे हुए हैं। इन दोनों की वजह से मुस्लिम मतों के बंटवारे की आशंका पैदा हो गई है जिसे लेकर ममता बनर्जी खासी परेशान हैं।