भाजपा सांसद वरुण गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों की फसलों के लिए वैधानिक एमएसपी गारंटी की मांग को स्वीकार करने का अनुरोध किया और लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के लिए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की।
उत्तर प्रदेश में पीलीभीत से सांसद ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि जब तक किसानों की यह मांग पूरी नहीं होगी, उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा।
वरुण गांधी की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के एक दिन बाद आई है, जिसकी वजह से किसान पिछले एक साल से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान संघों के नेताओं ने विवादास्पद कानूनों को वापस लेने की घोषणा का स्वागत किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब तक संसद में उपायों को रद्द नहीं किया जाता और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी नहीं मिल जाती, तब तक विरोध जारी रहेगा।
गांधी ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए मोदी सरकार को धन्यवाद दिया। मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर उन्होंने कहा कि यदि यह फैसला पहले ले लिया गया होता तो कई बेगुनाहों की जना नहीं जाती।
गांधी ने ट्विटर पर पोस्ट किए अपने पत्र में एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए किसानों की मांग को स्वीकार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने लिखा कि यह इस मांग के समाधान के बिना यह आंदोलन समाप्त नहीं होगा और उनके बीच व्यापक गुस्सा होगा, जो किसी न किसी रूप में उभरता रहेगा। इसलिए, किसानों को उनकी फसलों के लिए एमएसपी की वैधानिक गारंटी प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है।
भाजपा नेता ने कहा कि एमएसपी पर कानूनी बाध्यता किसानों को पर्याप्त आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी और छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाएगी। गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, "मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि सरकार को हमारे देश के हित में इस मांग को तुरंत स्वीकार करे।" उन्होंने कहा कि एमएसपी भी कृषि लागत और मूल्य आयोग के सी2+50 प्रतिशत फार्मूले पर आधारित होना चाहिए।