सोमवार को लोकसभा में अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब दिया। पीएम मोदी ने अपने जवाब में बताया कि कैसे कोरोना काल में अलग-अलग क्षेत्रों में काम किया गया। यही नहीं, पीएम राज्यसभा में कांग्रेस पर भी जमकर बरसे। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस नहीं होती तो साल 1984 में सिख नरसंहार भी नहीं होता और ना ही कश्मीरी पंडितों का पलायन होता।
पीएम ने कहा, "कांग्रेस के सामने मुश्किल यह है कि उन्होंने वंशवाद से पहले कभी और कुछ नहीं सोचा। हमें यह स्वीकार करना होगा कि भारत के लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा वंशवादी पार्टियां हैं। जब एक परिवार किसी भी पार्टी में सर्वोच्च होता है, तो सबसे पहले नुकसान प्रतिभा का होता है।"
पीएम ने आगे कहा कि सदन में कहा गया कि कांग्रेस ने भारत की नींव रखी और भाजपा ने सिर्फ झंडा फहराया। सदन में इसे मजाक की तरह नहीं कहा गया। यह गंभीर सोच का परिणाम है जो राष्ट्र के लिए खतरनाक है - कुछ लोगों का मानना है कि भारत का जन्म 1947 में हुआ था। इस सोच के कारण समस्याएँ उत्पन्न होती है।
राहुल गांधी के ऊपर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इस सदन में कुछ साथियों ने भारत की निराशाजनक तस्वीर पेश की और ऐसा लग रहा था कि उन्हें इसे पेश करने में आनंद भी आ रहा था। मुझे लगता है कि सार्वजनिक जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और जय-पराजय होती रहती है, उससे छाई हुई व्यक्तिगत जीवन की निराशा कम से कम देश पर नहीं थोपनी चाहिए।
पीएम ने अपने भाषण के जरिये कोरोना वायरस और टीकाकरण पर भी बातें रखी। राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है और पिछले 100 साल में मानव जाति ने इतना बड़ा संकट नहीं देखा है। अभी भी ये संकट नए-नए रूप लेकर आफतें लेकर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि लोग महामारी के इस समय में भारत की प्रगति के बारे में सवाल उठाते रहे लेकिन भारत ने सुनिश्चित किया कि 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन मिले। यह भी सुनिश्चित किया गया कि गरीबों के लिए रिकॉर्ड हाउस बनाए जाएं, ये घर पानी के कनेक्शन से लैस हों। भारत के लोगों ने वैक्सीन ले ली है और उन्होंने ऐसा न केवल अपनी सुरक्षा के लिए बल्कि दूसरों की सुरक्षा के लिए भी किया है। इतने सारे वैश्विक टीकाकरण विरोधी आंदोलनों के बीच ऐसा आचरण सराहनीय है।
पीएम ने कोरोना के अलावा खेती-किसानी और महंगाई पर भी बोले। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सरकार नें एमएसएमई सेक्टर और खेती-किसानी पर खास ध्यान दिया। जिसके परिणाम स्वरूप किसानों को ज्यादा एमएसपी मिला है।
पीएम मोदी ने रोजगार के बारे में बात करते हुए कहा कि साल 2021 में एक करोड़ 20 लाख लोग ईपीएफओ से जुड़े हैं, ये सब फॉर्मल जॉब हैं। इनमें से भी 65 लाख 18-25 आयु के हैं। मतलब ये इन लोगों की पहली जॉब है। कोविड प्रतिबंध खुलने के बाद हायरिंग दोगुनी हो गई हैं।