नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे का समझौता भाजपा से एकजुट होकर मुकाबला करने तथा ऐसी सरकार बनाने के उद्देश्य से किया गया है जो लोगों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेगी. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस द्वारा क्रमश: 51 और 32 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति जताए जाने के एक दिन बाद, नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि गठबंधन में घटकों को एक-दूसरे को समायोजित करना होता है. उन्होंने पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में संवाददाताओं से कहा, “गठबंधन में कई चीजें सहन करनी पड़ती हैं. कुछ (सीटें) पाने के लिए आपको कुछ (सीटें) छोड़ना पड़ता हैं. हमारा मानना है कि गठबंधन द्वारा लिया गया अंतिम निर्णय बहुत अच्छा था.
ईश्वर की इच्छा से गठबंधन सफल होगा और यहां सरकार बनाएगा जो लोगों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेगी.” पंपोर सीट से नेकां के उम्मीदवार एवं पूर्व सांसद न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी के पर्चा दाखिल करने के दौरान मौजूद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “यदि हमारे इरादे नेक हैं, तो हम सफल होंगे.” अनंतनाग जिले के बिजबेहरा में पत्रकारों से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, “कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे पर समझौता हो गया है. इसका उद्देश्य भाजपा और उसके समर्थक दलों के खिलाफ एक समेकित मोर्चा खड़ा करना और उनके खिलाफ चुनाव लड़ना तथा सफलता की संभावनाओं को और बढ़ाना है.” सीट बंटवारे के समझौते का जिक्र करते हुए उमर ने कहा कि उन्हें जानकारी है कि कुछ नेताओं ने पिछले पांच से दस वर्षों में कड़ी मेहनत की थी और चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पाया.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे पता है कि हमारे कई मित्र हैं जिन्होंने पांच-दस साल तक कड़ी मेहनत की है और वे नेकां के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. लेकिन दुर्भाग्यवश, उनमें से कुछ को इस सीट बंटवारे में जगह नहीं दी गयी और हमें इसका अफसोस है. हम चाहते हैं कि भविष्य में उन्हें समायोजित किया जाए. उन्हें न केवल संगठन में बल्कि जनता की सेवा करने का भी मौका मिलना चाहिए.” बिजबेहरा विधानसभा क्षेत्र से नेकां उम्मीदवार बशीर अहमद वीरी के नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान उमर उनके साथ थे. जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आज आखिरी तारीख है. 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. यह चुनाव तीन चरणों में होगा, पहला चरण 18 सितंबर को, उसके बाद 25 सितंबर और तीसरे चरण का चुनाव एक अक्टूबर को होगा.