महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शुक्रवार को राजकोट किले में उस जगह का दौरा किया, जहां स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा इस सप्ताह की शुरुआत में ढह गई थी. इसके साथ ही उन्होंने उसी स्थान पर शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा स्थापित करने का संकल्प लिया. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पवार ने शिवाजी को महाराष्ट्र का गौरव और स्वाभिमान बताया. पवार ने कहा, ‘‘बहुत जल्द, उसी स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज की एक भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी. यह मेरा संकल्प है."
मुंबई से लगभग 480 किमी दूर तटीय सिंधुदुर्ग जिले की मालवन तहसील में स्थापित शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने पर बुधवार को पवार ने राज्य के लोगों से माफी मांगी थी. उनके दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी प्रतिमा ढहने के विरोध में बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया था. इस घटना को लेकर विपक्ष महायुति गठबंधन सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वह शिवाजी महाराज के 100 बार पैर छूने और घटना के लिए माफी मांगने से नहीं हिचकिचाएंगे. सरकार ने प्रतिमा गिरने के कारणों का पता लगाने के लिए एक तकनीकी समिति गठित की है. समिति में इंजीनियर, आईआईटी विशेषज्ञ और नौसेना के अधिकारी शामिल होंगे.
शिंदे ने कहा था कि दो संयुक्त समिति बनायी गयी हैं. एक समिति दुर्घटना के कारणों का पता लगाएगी, जबकि दूसरी समिति में विशेषज्ञ, छत्रपति शिवाजी की मूर्तियां बनाने का अनुभव रखने वाले मूर्तिकार, इंजीनियर और नौसेना के अधिकारी शामिल होंगे जो पुनर्निर्माण के पहलू पर विचार करेंगे.
राजकोट किला परिसर में स्थापित 17वीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक की 35 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. अनावरण किए जाने के करीब नौ महीने बाद 26 अगस्त को यह ढह गई जिसके बाद राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं. राज्य सरकार ने बताया है कि इस परियोजना का कार्यान्वयन भारतीय नौसेना द्वारा किया गया था.