केंद्र और ममता सरकार के बीच चल रहे विवाद के बीच पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय ने भारत सरकार द्वारा भेजे गए कारण बताओ पत्र का जवाब दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्होंने वही किया जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें निर्देश दिए थे। उन्होंने चिट्ठी लिखकर बताया कि प्रधानमंत्री के साथ वैठक वाले दिन वह सीएम ममता बनर्जी के साथ थे और उत्तर-दक्षिण 24 परगना के हवाई सर्वेक्षण कर रहे थे।
करीबी सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्य सचिव ने 28 मई को ममता बनर्जी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक को जल्दी छोड़ने के अपने कदम का बचाव किया है। अलापन ने कहा है कि वह उस दौरान मुख्यमंत्री के निर्देश पर यास तूफान प्रभावित क्षेत्र दीघा भी गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पीएमओ को अपने विस्तृत कार्यक्रम से अवगत करा दिया था और इसलिए किसी भी तरह से उन्हें केंद्र सरकार के आदेश के 'गैर-अनुपालन' के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने चक्रवाती तूफान यास से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद बंगाल में एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में अलापन को भी शामिल होने को कहा गया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। जिसके बाद केंद्र सरकार ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए तीन दिन के अंदर उनसे बैठक में शामिल ना होने का कारण मांगा था। इतना ही नहीं केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने अलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली भी बुलाया था, लेकिन ममता बनर्जी ने उन्हें दिल्ली नहीं भेजा।
बंद्योपाध्याय पर केंद्र ने आरोप लगाए थे कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण के चेयरमैन भी हैं और अलपन की ये हरकत कानूनी तौर पर दिए गए दिशा निर्देशों के खिलाफ थी। जिसके लिए अलापन बंद्योपाध्याय को से धारा 51 (बी) आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005" के तहत नोटिस भेजा गया और तीन दिन के अंदर जवाब मांगा गया था।