आम आदमी पार्टी की असंतुष्ट विधायक अल्का लांबा ने रविवार को कहा कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने और अगले दिल्ली विधानसभा चुनाव में स्वतंत्र प्रत्याशी के तौर पर खड़े होने का फैसला किया है। दूसरी ओर, आप ने कहा कि वह लांबा का इस्तीफा ट्विटर पर भी स्वीकार करने को तैयार है।
पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेद
चांदनी चौक से विधायक लांबा के पिछले कुछ समय से आप के शीर्ष नेतृत्व के साथ मतभेद चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जन सभा के माध्यम से अपने क्षेत्र के लोगों से सलाह करने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यों से जल्दी ही इस्तीफा दे देंगी लेकिन वह विधानसभा की सदस्य बनी रहेंगी। आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह पहले एक दर्जन बार ऐसी घोषणाएं कर चुकी हैं। पार्टी नेतृत्व को त्याग पत्र में भेजने में एक मिनट का समय लगता है। हम ट्विटर पर भी इस्तीफा स्वीकार कर लेंगे।
हार की जिम्मेदारी लेने को केजरीवाल से कहा था
लांबा ने गुरुवार को कहा था कि पार्टी ने कई बार उनका असम्मान किया। लोकसभा चुनाव में आप की हार के बाद उन्होंने पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल से जिम्मेदारी लेने को कहा। इसके बाद उन्हें विधायकों के आधिकारिक वाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया।
लोकसभा चुनाव में नहीं किया था प्रचार
लांबा ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार करने से भी मना कर दिया था। यहां तक कि उन्होंने केजरीवाल के रोड शो में भी हिस्सा नहीं लिया। रोड शो के दौरान उनसे कार के पीछे पैदल करने को कहा गया तो वह वपास चली गईं। अप्रैल में उनका पार्टी प्रवक्ता भारद्वाज के साथ ट्विटर पर वाद-विवाद हो गया। पार्टी प्रवक्ता ने इस्तीफा देने के मसले पर ताना मारा था।