पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद राजनीति में उतने सक्रिय नहीं थे। इस बीच उनका एक नया बयान आया है जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने की योजना बना ली है। गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दल लोगों के बीच विभाजन पैदा करती हैं।
नागरिक समाज में बदलाव पर जोर देते हुए ताकि लोग अपने अधिकारों के लिए खड़े हो सकें, आजाद ने कहा, "हमें समाज में बदलाव लाना है। कभी-कभी मुझे लगता है और यह कोई बड़ी बात नहीं है कि अचानक आपको पता चले कि मैं सेवानिवृत्त हो चुका हूं और समाज सेवा करने लगा हूँ।"
सामूहिक नेतृत्व के लिए दबाव बनाने के मद्देनजर जी23 के दूत के रूप में चुनावी हार के बाद हाल ही में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि "राजनीतिक दल धर्म, जाति के आधार पर लोगों के बीच, हमेशा विभाजन पैदा करने के लिए काम करते हैं।"
देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर अफसोस जताते हुए कांग्रेस नेता ने राजनीतिक दलों पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "भारत में राजनीति इतनी बदसूरत हो गई है कि कभी-कभी किसी को संदेह करना पड़ता है कि हम इंसान हैं या नहीं।" उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब 1990 के कश्मीरी पंडितों पर आधारित बॉलीवुड फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' ने राजनीतिक क्षेत्र में चर्चा पैदा कर दी है। उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर में जो हुआ उसके लिए पाकिस्तान और उग्रवाद जिम्मेदार हैं। इसने जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं, कश्मीरी पंडितों, मुसलमानों, डोगराओं सहित सभी को प्रभावित किया है।"
उन्होंने कहा, "जो कोई भी वास्तव में धर्म का पालन करता है वह वास्तव में धर्मनिरपेक्ष है।" कांग्रेस नेता ने जम्मू-कश्मीर को तबाह करने के लिए आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "हम सभी पहले इंसान हैं, हिंदू और मुसलमान बाद में। आतंकवाद ने जम्मू-कश्मीर में जीवन को तबाह कर दिया है, जिसमें पाक ने बड़ी भूमिका निभाई है।