बिहार में सीएम नीतीश कुमार के एक बार फिर भाजपा से हाथ मिलाने की अटकलों के बीच राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है। चर्चाओं के दौर और राजनीतिक अनिश्चितता के बीच लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार को खुलासा किया कि वह स्वयं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने इसे काल्पनिक करार दिया।
गुरुवार शाम को बिहार की राजधानी पटना पहुंचे पासवान ने हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि मैने ‘अगले कुछ दिनों के महत्वपूर्ण घटनाक्रम’ पर दिल्ली में विचार विमर्श के चलते राज्य के अपने कार्यक्रम ‘रद्द’ कर दिये हैं।
चिराग पासवान ने कहा, "मैं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ लगातार संपर्क में हूं। दिल्ली से पटना आने से पहले कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद कल शाम मैंने उनसे बात की थी। मैं दिल्ली वापस जा रहा हूं। मैंने समस्तीपुर में स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर के गांव और सीतामढी की अपनी यात्रा रद्द कर दी है जहां मैं अयोध्या में पूजा करने के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए जाना चाहता था।"
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख पासवान ने कहा, "हमारी पार्टी बिहार में राजग की प्रतिबद्ध सहयोगी है। इसलिए हम राज्य की स्थिति पर नजर रख रहे हैं जहां अगले दो या तीन दिन महत्वपूर्ण हो सकते हैं। भाजपा गठबंधन का सबसे बड़ा घटक दल है और मेरे संपर्क में है। हम दिल्ली में और बातचीत करेंगे।"
जमुई के युवा सांसद ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान विद्रोह का बिगुल फूंकते हुए नीतीश की पाटी जद (यू) के खिलाफ अपने उम्मीदवारों को खडा किया था। इस सवाल पर कि क्या नीतीश के गठबंधन सहयोगी बनने पर वह उनके साथ सहज महसूस करेंगे, पासवान ने कहा, "ये काल्पनिक प्रश्न हैं जिनका मैं उत्तर नहीं देना चाहूंगा। ऐसी अटकलों का कोई अंत नहीं हो सकता।"
"अगर नीतीश राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लौटते हैं तो पासवान पाला बदल सकते हैं" संबंधित कयासों का भी पासवान ने उपहास उड़ाया। पासवान ने ऐसी खबरों को आधारहीन बताते हुए कहा ऐसी खबरें चौथे स्तंभ (मीडिया) की विश्वसनीयता को खत्म करती हैं।
पासवान की टिप्पणियां इस जोरदार चर्चा के बीच आईं कि इंडिया गठबंधन में प्रमुख नेताओं में एक माने जाने वाले नीतीश कुमार अब भाजपा विरोधी गठबंधन छोड़ चुके हैं और अपने पुराने सहयोगी (भाजपा) जिससे उन्होंने दो साल से भी कम समय पहले नाता तोड लिया था, के साथ संभावनाएं तलाश रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी भी पार्टी से स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं।
जद (यू) के राजनीतिक सलाहकार और प्रवक्ता के सी त्यागी इस बात पर जोर देते रहे हैं कि उनकी पार्टी खुद को इंडिया गठबंधन के वास्तुकार के रूप में देखती है और गठबंधन का हिस्सा बने रहना चाहती है हालांकि पश्चिम बंगाल और पंजाब के मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर उन्होंने चिंता जतायी है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने गुरुवार को दिल्ली में पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और बताया कि बातचीत लोकसभा चुनावों के आसपास केंद्रित थी। उन्होंने कहा, "शीर्ष नेताओं ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि भाजपा के दरवाजे बंद हो गए हैं। एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में मैं अपने रुख पर कायम हूं।"
चौधरी ने कहा कि हमारे लिए नीतीश कुमार एक ऐसे राजनेता हैं जो अपने सहयोगियों को कपड़े की तरह बदलते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले जमीन तलाशने में जुटा इंडिया गठबंधन फिलहाल टूटता दिख तो रहा है। आने वाले समय में नीतीश, ममता बनर्जी जैसे बड़े कद के नेताओं का रुख तय करेगा कि चुनाव एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन के बीच होगा या फिर एनडीए बनाम अलग अलग दलों के बीच।