केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 12 जुलाई 2025 को तिरुवनंतपुरम में एक जनसभा में केरल की सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि एलडीएफ सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है और भारतीय जनता पार्टी के बिना 'विकसित केरल' का सपना पूरा नहीं हो सकता। शाह ने कहा, "भाजपा और सीपीआई(एम) दोनों कार्यकर्ता आधारित दल हैं, लेकिन अंतर साफ है। केरल में सीपीआई(एम) के लिए कार्यकर्ता कल्याण राज्य के विकास से ऊपर है, जबकि भाजपा के लिए विकसित केरल पहली प्राथमिकता है।"
शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केरल के लिए तीन मुख्य लक्ष्य गिनाए: भ्रष्टाचार-मुक्त शासन, सरकारी योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं, और राजनीतिक लाभ से परे केरल का विकास। उन्होंने एलडीएफ और कांग्रेस नीत यूडीएफ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। शाह ने विस्फोटक घोटाला, सहकारी बैंक घोटाला, एआई कैमरा घोटाला, लाइफ मिशन घोटाला, पीपीई किट घोटाला और देश के सबसे बड़े राज्य प्रायोजित सोना तस्करी घोटाले का ज़िक्र किया।
उन्होंने पिनराई विजयन से सोना तस्करी मामले में सवाल पूछा कि क्या मुख्य आरोपी उनके कार्यालय में काम करता था और क्या उनकी सरकार ने उसे 3 लाख रुपये मासिक वेतन दिया। शाह ने दावा किया कि 2026 तक भारत नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा और केरल में सीपीआई(एम) व कांग्रेस को जनता खारिज कर रही है।
दूसरी ओर, पिनराई विजयन ने केंद्र सरकार पर केरल के प्रति नकारात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2018 की बाढ़ और वायनाड भूस्खलन जैसी आपदाओं में केंद्र से पर्याप्त मदद नहीं मिली। विपक्षी नेता वीडी सतीशन ने एलडीएफ सरकार पर वित्तीय संकट और कमजोर वर्गों की उपेक्षा का इल्ज़ाम लगाया।
शाह का यह दौरा 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की रणनीति को दर्शाता है, जिसमें वह एलडीएफ और यूडीएफ को कड़ी चुनौती देना चाहती है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    