बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव पार्टी के युवा विंग के खास चेहरे आनंद भदौरिया और सुनील सिंह यादव साजन को निकाले जाने से नाराज हैं। इन दोनों नेताओं को पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की सहमति से शिवपाल यादव ने निष्कासन की घोषणा की। लेकिन कितने साल के लिए निकाला जा रहा ऐसा कोई बयान नहीं दिया। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के इस फैसले से अखिलेश यादव नाराज हो गए और दो दिनों तक अपने सरकारी आवास से बाहर नहीं निकले और न ही किसी कार्यक्रम में शिरकत किया।
बताया जा रहा है कि सुनील यादव और आनंद भदौरिया दोनों ही अखिलेश यादव के खास हैं और साल 2012 के विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अखिलेश अपने दो खास लोगों के साथ ही साल 2017 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे थे लेकिन पार्टी के एक फैसले ने मुख्यमंत्री को असहज कर दिया। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव इतना नाराज हो गए कि पत्नी और सांसद डिंपल यादव को भी सैफई महोत्सव में नहीं जाने दिया।
उधर सुनील यादव साजन को निकाले जाने के बाद से सोशल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रियाएं पढ़ने को मिल रही है। साजन पार्टी की छात्र सभा की ईकाई के प्रमुख रहे हैं और प्रदेश भर में युवाओं को जोड़ने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बताया जा रहा है कि सपा के इस फैसले से युवाओं में काफी आक्रोश है। युवाओं में इस तरह की प्रतिक्रिया से ही अखिलेश यादव और नाराज हो गए। क्योंकि साल 2012 के चुनाव में जिस तरह से युवा अखिलेश की ताकत बनकर उभरे थे उसी तरह से साल 2017 के चुनाव में भी अखिलेश यादव को उम्मीद थी कि युवाओं का जोश उनके साथ बना रहेगा। लेकिन युवा नेताओं के खिलाफ पार्टी के एक फैसले ने युवाओं के जोश को ठंडा कर दिया। खबर है कि पार्टी जल्द ही इन नेताओं को वापस लाने की तैयारी कर रही है। लेकिन वह किस रुप में होगी यह भी एक सवाल बना हुआ है।