कांग्रेस को हिंदू वोटों के नाराज होने या उससे छिटक के दूर जाने की चिंता बेतरह सता रही है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रकरण में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की खुलकर शिरकत को जिस तरह से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कांग्रेस को देशद्रोही और हिंदू विरोधी साबित करने के लिए प्रचारित किया, उससे ऐसा लगता है कि कांग्रेस में हिंदू वोटों को संबोधित करने के लिए उदार हिंदुत्व का पुराना नारा दोहराने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
शायद यही वजह है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को खुलकर भारत माता की जय के बोल बोलने लगे हैं। इससे एक-दो दिन पहले तक वह इस सारे विवाद को ही बिना मतलब का विवाद बता रहे थे। लेकिन फिर इस पर यू-टर्न लेकर उन्होंने जिस तरह से महाराष्ट्र में एएमआईआईएम के विधायक को बाहर निकालने और भारत माता की जय को लेकर दबाव बनाने का समर्थन किया, वह साफ दर्शाता है कि कांग्रेस में हिंदू वोटों के साथ-साथ खुद को देशभक्त साबित करने के लिए ये तमाम जुगाड़ करने पर उतारू हो रही है।
दिग्विजय सिंह के साथ-साथ कांग्रेस के एक और नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश भी हिंदू और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्ड को खेलते नजर आ रहे है। उन्होंने जो कहा, वह गौर करने लायक है, -राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मोदी सरकार की तुलना में ज्यादा पर्यावरण हितैषी है। संघ को गंगा, यमुना, पेड़, पहाड़ों की चिंता भाजपा से ज्यादा है। अक्सर संघ के लोग मुझसे मिलने के लिए आते हैं और पूछते है कि मैं केंद्र सरकार को कहूं कि वह पर्यावरण को नुकसान उठाने वाले कदम न उठाएं।– इस तरह से कांग्रेस ने एक सॉफ्ट स्टैंड लेना शुरू कर दिया है और यह निश्चित रूप से भाजपा के दबाव में आने की बानगी है।