बिहार विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष चिराग पासवान की ‘बैर’ ने पिछले चुनाव में जदयू की जीती हुई 71 सीट में से 17 पर खेल बिगाड़ दिया।
इस बार के चुनाव में लोजपा ने ‘मोदी से बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं’ के नारे के साथ बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होकर 135 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे । इन प्रत्याशियों ने जदयू की वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में जीती हुई 71 में से 17 सीट पर इस बार इतने वोट काट लिए कि जदयू के उम्मीदवार अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से हार गए।
लोजपा के कारण जदयू ने जिन 17 सीटों पर नुकसान उठाया उनमें बाजपट्टी, बरहरिया, धौरैया, दिनारा, एकमा, इस्लामपुर, जमालपुर, करगहर, खगड़िया, लौकहा, महाराजगंज, महनार, मोरवा, नाथनगर, शेखपुरा, शेरघाटी और सिंहेश्वर शामिल हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार मुकेश कुमार यादव ने जदयू की रंजू गीता को कड़े मुकाबले में 2704 मतों के अंतर से हराकर बाजपट्टी सीट जदयू से छीन ली है।
यहां से राजद प्रत्याशी को 70983 जबकि गीता को 68,658 मत प्राप्त हुए हैं लेकिन लोजपा के मो. इंतखाब आलम ने 6158 वोट लाकर जदयू को सीधा नुकसान पहुंचाया। यदि यहां से लोजपा कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करता तो श्रीमती गीता इस सीट पर अपना कब्जा नहीं गंवाती। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवार गीता ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 16946 मतों के अंतर से पराजित किया था।